Wednesday, August 24, 2011

अनशन आपकी समस्या


संसद में भ्रष्टाचार पर बहस और सर्वदलीय बैठक के बाद टीम अन्ना के और सरकार के बीच हुई बातचीत फिर वहीं पहुंच गई जहां से शुरू हुई थी। बुधवार रात की बातचीत के दौरान सरकार ने साफ कर दिया कि अब तक अन्ना की किसी शर्त को माना नहीं गया है।
इसी के साथ वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने बिना कोई आश्वासन दिए अन्ना से अपना अनशन तोड़ देने का अनुरोध भी दोहराया और अरविंद केजरीवाल के अनुसार, उन्होंने यहां तक कह दिया कि उनका अनशन आपकी समस्या है। 
प्रणब मुखर्जी, सलमान खुर्शीद और कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित की टीम अन्ना के साथ बातचीत करीब डेढ़ घंटे चली। जब बैठक खत्म हुई तो अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी के चेहरे लटके थे। प्रशांत भूषण ने कहा, 'हम वहीं आ खड़े हुए हैं जहां परसों थे। कल जिन मुद्दों पर लग रहा था कि सरकार सहमत है वे भी पीछे छूट गए।' केजरीवाल ने कहा, 'हमने जब उनसे पूछा कि अन्ना को लौट कर क्या जवाब दें तो उन्होंने कहा कि यह आप जानें।' रामलीला मैदान पहुंचकर इन तीनों ने अपनी निराशा जताई और साथ ही अन्ना को उठा लेने की आशंका भी। देर रात मैदान की गतिविधियों से यह संकेत मिले कि सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। टीम अन्ना से बैठक के बाद प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'हमने अन्ना के सहयोगियों को सर्वदलीय बैठक और उनकी कल की मांग के बारे में बताया। हमें उम्मीद है कि संसदीय प्रक्रिया को पूरा होने दिया जाएगा।' उन्होंने जन लोकपाल की मांग पर सिर्फ इतना ही कहा कि लोकपाल के मामले में व्यापक राष्ट्रीय सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी।
हालांकि सरकार ने टीम अन्ना से यह अवश्य कहा कि कि वह नया लोकपाल बिल ड्राफ्ट करेगी और वे चाहें तो उसमें अपने सुझाव शामिल करा सकते हैं, लेकिन सर्वदलीय बैठक में की गई सभी दलों की मांग को देखते हुए अन्ना को अपना अनशन तुरंत तोड़ देना चाहिए। इससे पहले प्रधानमंत्री ने शाम को अपने आवास पर रोजा इफ्तार की दावत में इस मसले का जल्द हल निकलने की उम्मीद जताई। इफ्तार से ठीक पहले प्रधानमंत्री आवास पर हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार कोई राजनीतिक सहमति बनाने में नाकाम रही। सभी दल अन्ना हजारे से अनशन तोड़ने की अपील तक सीमित रहे। विपक्ष ने सरकार से लोकपाल विधेयक को वापस लेने को कहा, लेकिन प्रधानमंत्री ने लोकपाल विधेयक वापस लेने से साफ मना कर दिया। अलबत्ता एक प्रस्ताव जरूर पारित किया गया कि जन लोकपाल विधेयक पर भी संसद गंभीरता से विचार करे। पीएम ने जनलोकपाल को एक सुझाव भर करार दिया। इसके पहले वी. नारायणसामी ने संसद की स्थायी समिति के सामने जन लोकपाल विधेयक को भेज गंभीरता दिखाने की कोशिश की थी।
देर रात नॉर्थ ब्लाक स्थित वित्त मंत्री के दफ्तर में बातचीत शुरू होने से पहले ही दोनों तरफ तेवर कड़े हो चुके थे। सरकार ने साफ कर दिया कि 'कनपटी पर बंदूक रखकर कानून नहीं बनवाया जा सकता।' मंगलवार को दोनों पक्षों की बैठक में प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने और दूसरे ऐसे मुद्दों जिन पर टीम अन्ना की मांगों पर हामी भर ली गई थी, उन पर भी बुधवार दोपहर को सरकार ने अपना रुख कड़ा कर लिया। देर रात पीएम के आवास पर चली राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति में इन मुद्दों पर सवाल उठाया गया। पी. चिदंबरम और कपिल सिब्बल ने कहा कि सिविल सोसाइटी को कोई भी आश्वासन देने से पहले चर्चा होनी चाहिए थी।
माना जा रहा है कि मंगलवार की बैठक के बाद जिस तरह रामलीला मैदान में टीम अन्ना ने सरकार से हुई बातचीत का पूरा ब्यौरा दिया और प्रतिक्रिया दी वह सरकार को नागवार गुजरा। सर्वदलीय बैठक ने भी सरकार को तेवर कड़े करने का मौका दिया।
गिरफ्तारी हो तो भर दें देश की सारी जेलें
जन लोकपाल बिल को लेकर यहां के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे अन्ना अपनी गिरफ्तारी के आशंका के चलते रात साढ़े 11 बजे एक बार फिर मंच से दहाड़ उठे। भारत माता की जय और वंदेमातरम् के साथ शुरू किए अपने भाषण में उन्होंने समर्थकों से अपील की, 'यदि प्रशासन मुझे जबर्दस्ती यहां से उठाकर ले जाता है तो आप लोग यहां से निकलकर अपने-अपने क्षेत्र के सांसदों का घेराव करें और गिरफ्तारियां दें। देश की कोई जेल खाली नहीं रहनी चाहिए, लेकिन साथ ही यह ध्यान रखना होगा कि हम किसी भी स्थिति में अहिंसा के पथ से भटकने न पाएं।' अन्ना के हौसले तब इतने बुलंद हैं जब पिछले नौ दिनों में उनका वजन 6.3 किलो कम हो गया है। उनके स्वास्थ्य के बारे में डॉ. त्रेहन ने बुधवार रात बताया, 'उनकी हालत स्थिर है और कल से बेहतर है। हमने उनकी खून की और अन्य जांचें की हैं। उनका बीपी 104-86 है, जबकि रक्त में शर्करा का स्तर 106 और पल्स रेट 82 है। रक्त में कीटोन पाया गया है और वजन 6.3 किलो कम हो चुका है। हमने उनसे ड्रिप चढ़ाने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हमने उन्हें ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह दी है। हम उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखे हुए हैं।'
इससे पूर्व अन्ना दिन में भी मंगलवार से ज्यादा सक्रिय दिखे। तीन बार मंच से संबोधन में उन्होंने कहा, 'देश के गद्दारों से लड़ रहा हूं और इसके लिए मुझे यहां आए लोगों से ऊर्जा मिल रही है। अभी सिर्फ नौ दिन हुए हैं। अभी तो नौ दिन और मुझे कुछ नहीं होगा। यह निशान आप देख रहे हैं, यह पाकिस्तानी गोली का निशान है, मेरे सिर पर। मैंने एक लड़ाई वह लड़ी थी। दूसरी अब हमारे घर में छुपे हुए दुश्मनों और गद्दारों से लड़ रहा हूं। सरकार अब भी हमारी तीन मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है। मैंने फैसला कर लिया है कि जब तक आखिरी सांस रहेगी, संघर्ष करता रहूंगा।'

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