Tuesday, April 24, 2012

कालिदास सच-सच बतलाना!


इंदुमती के मृत्यु -शोक से
अज रोया या तुम रोए थे ?
कालिदास, सच-सच बतलाना!
... शिवजी की तीसरी आँख से
निकली हुई महाज्वाला में
घृतमिश्रित सूखी समिधा सम
तुमने ही तो दृग धोए थे
कालिदास, सच-सच बतलाना !
रति रोई या तुम रोए थे?
वर्षा -ऋतु की स्निग्ध भूमिका
प्रथम दिवस आषाढ़ मास का
देख गगन में श्याम घनघटा
विधुर यक्ष का मन जब उचटा
चित्रकूट के सुभग शिखर पर
खड़े-खड़े तब हाथ जोड़कर
उस बेचारे ने भेजा था
जिनके ही द्वारा संदेशा,
उन पुष्करावर्त मेघों का
साथी बनकर उड़ने वाले
कालिदास, सच-सच बतलाना !
पर-पीड़ा से पूर-पूर हो
थक-थक कर औ ' चूर-चूर हो
अमल-धवलगिरि के शिखरों पर
प्रियवर तुम कब तक सोए थे ?
कालिदास, सच-सच बतलाना !
रोया यक्ष कि तुम रोए थे ?

-- नागार्जुन
बाबा नागार्जुन की यह कविता जिसे आप बार-बार पढना कहेंगे...

राजनीतिक पैतरेबाजी के बीच अगला राष्ट्रपति कौन?

 जून में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भले ही ज्यादातर पार्टियां अभी अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन सरगर्मियां बढ़ गई हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का समर्थन करेगी। दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने पार्टी की ओर से ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को देश का अगला राष्ट्रपति बनाए जाने का समर्थन करने की खबरों पर विराम लगा दिया है। मुलायम ने कहा कि इस बारे में पार्टी ने कोई फैसला नहीं लिया है। एनडीए ने देश का अगला राष्ट्रपति सर्वसम्मति से चुने जाने का पक्ष लिया है। एनडीए के संयोजक और जेडी(यू) अध्यक्ष शरद यादव ने किसी नाम पर कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि इस बारे में चर्चा होने के बाद ही कुछ कहना ठीक होगा। बीजेपी नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि हम किसी व्यक्ति विशेष पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, लेकिन हमारा मानना है कि सभी राजनीतिक दलों को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुनना चाहिए। लालू ने संसद भवन में संवाददाताओं से कहा, 'उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए। वह राष्ट्रपति पद के लिए बेहतर उम्मीदवार हैं। उन्हें राष्ट्रपति के तौर पर प्रमोट किया जाना चाहिए।' पूर्व राष्ट्रपति कलाम के नाम पर उनकी पार्टी के रुख के बारे में पूछे जाने पर आरजेडी प्रमुख ने कहा, 'कलाम एक बार राष्ट्रपति बन चुके हैं। अब अंसारी को बनाया जाना चाहिए। वह योग्य व्यक्ति हैं और राज्यसभा सभापति के रूप में उनका प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ है।'  मुलायम ने कहा, 'अभी राष्ट्रपति चुनाव में काफी समय है, तो जल्दबाजी किस बात की है। इस विषय पर अभी पार्टी ने कोई फैसला नहीं लिया है।' यह पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी के नेता शाहिद सिद्दिकी ने कलाम को अगला राष्ट्रपति बनाए जाने का समर्थन किया है, मुलायम ने जवाब दिया,'यह उनकी व्यक्गित राय हो सकती है, पार्टी की राय नहीं।'

Thursday, April 19, 2012

अब आधी दुनिया हमारी मिसाइलों की जद में

अग्नि-5 के सफल परीक्षण ने दुश्मनों की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। हम पर हमला करने से पहले उन्हें सौ बार सोचना होगा। इसके सफल परीक्षण के साथ ही आधी दुनिया हमारी मिसाइलों की जद में आ गई है। हम उन देशों के प्रतिष्ठित क्लब में दाखिल हो गए हैं, जिनके पास पांच हजार किमी से अधिक दूरी तक मार करने वाले अंतर महाद्वीपीय मिसाइल [आइसीबीएम] हैं। ओड़िशा के व्हीलर द्वीप से गुरुवार को सुबह आठ बजकर सात मिनट इसे छोड़ा गया। संयोग से 1975 में 19 अप्रैल को ही भारत ने आर्यभट्ट उपग्रह को लांच कर अंतरिक्ष में अपनी सफलता का सितारा टांका था। अपने पीछे कामयाबी की नारंगी रोशनी और उल्लास की सफेद लकीर छोड़ती हुई निकली इस मिसाइल ने करीब 15 मिनट में बंगाल की खाड़ी में अपने निर्धारित लक्ष्य को भेदा। तीसरे चरण में वातावरण में पुन: दाखिल होने के बाद आग के गोले में तब्दील इस मिसाइल ने सात हजार किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से लक्ष्य को ध्वस्त किया। इसने देश को नाभिकीय बम के साथ सुदूर तक सटीक वार करने वाली अति जटिल तकनीक का रणनीतिक रक्षा कवच भी दिया है। इसके जरिए वह अपने किसी भी हमलावर को मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। ध्यान रहे कि भारत ने वादा किया हुआ है कि वो पहला नाभिकीय वार नहीं करेगा, लेकिन प्रहार हुआ तो पूरी ताकत के साथ जवाब देगा।अग्नि-5 ने सौ फीसद सफलता के साथ अपने लक्ष्य को भेदा। सतह से सतह पर मार करने वाली यह मिसाइल चीन समेत पूरे एशिया, ज्यादातर अफ्रीका व आधे यूरोप तथा अंडमान से छोड़ने पर ऑस्ट्रेलिया तक पहुंच सकती है और एक टन तक के परमाणु बम गिरा सकती है। दो और परीक्षणों के बाद इसे 2014-15 तक सेना के हवाले कर दिया जाएगा। अग्नि-5 की सफलता ने देश के लिए और लंबी दूरी की मिसाइलों के विकास का दरवाजा भी खोल दिया है। अग्नि-5 की रेंज को जरूरत के अनुसार बढ़ाया जा सकता है। भारतीय मिसाइल बेड़े में यह पहला प्रक्षेपास्त्र है जो भारत को जरूरत पड़ने पर चीन के सभी हिस्सों तक मार करने की क्षमता देता है। हालांकि अग्नि-5 अभी चीन की डोंगफेंग-31 का छोटा जवाब ही है क्योंकि यह चीनी मिसाइल दुनिया के किसी भी हिस्से में प्रहार कर सकती है। महत्वपूर्ण है कि अब तक अंतरमहाद्वीपीय प्रहार क्षमता वाली मिसाइलें केवल अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन व ब्रिटेन के पास थीं। अग्नि-5 भारत की सबसे तेजी से विकसित मिसाइल है। इसे महज तीन साल में तैयार किया गया है। इसे अचूक बनाने के लिए भारत ने माइक्रो नेवीगेशन सिस्टम, कार्बन कंपोजिट मैटेरियल से लेकर मिशन कंप्यूटर व सॉफ्टवेयर तक ज्यादातर चीजें स्वदेशी तकनीक से विकसित कीं।

Sunday, April 8, 2012

उत्तर प्रदेश पुलिस की हालत खस्ता

उत्तर प्रदेश पुलिस  के जवान शारीरिक उत्पीड़न के साथ मानसिक परेशानी का दंश भी झेल रहे हैं। देश के अन्य राज्यों के पुलिस बल से अगर उनकी तुलना करें तो उनके मुकाबले राज्य के जवानों को कम सहूलियत मिल रही है, जिसके चलते उनके अंदर हीनता इस हद तक घर कर चुकी है कि वे आला अधिकारियों पर जानलेवा हमले और आत्महत्या करने जैसे कदम उठाने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर गौर करें तो विदेशों में एक लाख लोगों तथा उनकी सुरक्षा के लिए 220 जवानों को तैनात किया जाता है। इसकी तुलना में भारत में केवल 131 जवान ड्यूटी कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में एक लाख की जनसंख्या की सुरक्षा के नाम पर मात्र 74 जवान तैनात हैं। इस कारण राज्य के जवानों पर काम का बोझ अत्याधिक है, जिसके चलते वे मानसिक उत्पीड़न झेल रहे हैं। जनपद प्रबुद्धनगर के शामली के क्षेत्राघिकारी शशि शेखर सिंह का कहना है कि प्रबुद्धनगर के आंकडों की बात की जाए तो यहां जवानों पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। उनका कहना है कि मानकों के अनुसार सरकारी कर्मचारियों और गैर सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी आठ घंटे निश्चित है। प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत कर्मचारी अगर आठ घंटे से अधिक ड्यूटी करता है तो उसे ओवरटाईम या छुट्टा की सुविधा मिलती है, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों से दो शिफ्टों में ड्यूटी कराने के बाद भी उन्हें कोई अतिरिक्त पैसा या छुट्टा नहीं मिलती।
प्रबुद्धनगर में तैनात उप निनरीक्षक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पुलिसकर्मियों को वैसी ट्रेनिंग नहीं मिल रही है, जिसकी उन्हें ड्यूटी के दौरान जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग में सुधार की आवश्यकता है। पुलिसकर्मी ट्रेनिंग पर जो सीखते हैं, असल जिंदगी में उसका उलट होता है। साथ ही साथ जवानों जो सही समय पर भोजन नहीं मिल पाना, रहने के लिए निम्न स्तर के खोली नूमा कमरे, छुट्टी नहीं मिल पाना और मूल निवास स्थान व परिजनों से सैकडों किलोमीटर दूर तैनाती आदि कई ऐसे कारण हैं, जिसके चलते जवान तनावग्रस्त रहते हैं। राज्य के पुलिसकर्मियों की स्थिति को देखा जाए तो यहां के जवानों एवं अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय भी बहुत कम है। विभाग के आला अधिकारियों का सामना करने से जवान बचते हैं जबकि अन्य राज्यों में ऐसा नहीं होता। शेखर सिंह इस बात से सहमत हैं। वह कहते हैं कि पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के बीच अधिक गैप है। यहां जवान अपने अधिकारियों के सामने खड़ा होने से भी कतराता है। इस कारण जवानों में हीन भावना पैदा हो रही है और वे हताश हो रहे हैं। पुलिस बल की दर्दभरी कहानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई पुलिस कांस्टेबल एवं बड़े अधिकारियों ने मानसिक परेशानी के चलते अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है।

आतंकवाद पर मनमोहन की जरदारी को दो टूक

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से स्पष्ट कहा कि हाफिज सईद और मुंबई आतंकी हमले के अन्य साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के आकलन का यही महत्वपूर्ण बिन्दु होगा। प्रधानमंत्री के रेस कोर्स रोड स्थित आवास पर जरदारी के साथ उनकी 40 मिनट अकेले में हुई बैठक के दौरान आतंकवाद के बारे में प्रमुखता से चर्चा हुई। विदेश सचिव रंजन मथाई ने संवाददाताओं से कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद की समस्या पर चर्चा की, जो बड़ा मुद्दा है, जिसके आधार पर भारतीय जनता द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का आकलन करेगी। सिंह ने जरदारी से कहा कि मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई और पाकिस्तान की जमीन से भारत के खिलाफ हो रही गतिविधियों को रोकना अत्यंत आवश्यक है। मथाई ने बताया कि इस परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री ने हाफिज सईद की गतिविधियों का जिक्र किया। सईद के मुद्दे पर जरदारी ने कहा कि दोनों देशों की सरकारों को इस मामले पर आगे और बातचीत की आवश्यकता है। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के गृह सचिवों को जल्द मुलाकात करनी है और वे आगे इस मसले पर और चर्चा करेंगे। मथाई के मुताबिक जरदारी ने सर क्रीक, सियाचिन और कश्मीर सहित सभी मुद्दों के समाधान की आवश्यकता जतायी। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने महसूस किया कि कदम दर कदम हमें आगे बढने की आवश्यकता है। इससे पहले सिंह ने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करने वाले मुद्दों का व्यावहारिक समाधान खोजने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि मैंने और राष्ट्रपति जरदारी ने उन द्विपक्षीय मसलों पर विचारों का रचनात्मक एवं दोस्ताना ढंग से आदान प्रदान किया, जो भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को प्रभावित करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जरदारी की इस निजी यात्रा का उपयोग सभी द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा करने के लिए किया।  उन्होंने कहा कि मैं जरदारी की इस यात्रा के नतीजे से काफी संतुष्ट हूं। प्रधानमंत्री ने व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तान की ओर से किये गये उपायों की सराहना की।

Saturday, April 7, 2012

मुलायम और बुखारी के बीच खटपट

 समाजवादी पार्टी और जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अहमद बुखारी के बीच खटपट शुरू हो गई है। बुखारी ने एसपी पर मुसलमानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह को चिट्ठी लिखी और इसे सार्वजनिक कर दिया। चिट्ठी में बुखारी ने जहां आजम खान पर निशाना साधा है, वहीं अपने दामाद उमर खां को मिले विधान परिषद का टिकट रद्द करने की मांग भी की है।  
बुखारी की नाराजगी की वजह उनके भाई को एसपी से राज्य सभा का टिकट न मिलना भी है। शाही इमाम ने यूपी चुनाव से पहले जब समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाया था, तो दामाद को टिकट दिलाने की डील भी हुई थी। एसपी ने उमर को सहारनपुर की बेहट सीट से टिकट दिया, लेकिन वह हार गए। चुनाव हारने के बाद उमर राज्यसभा के लिए टिकट के दावेदार हो गए। उन्हें राज्यसभा के लिए टिकट नहीं मिल पाया, लेकिन आजम खां की सिफारिश पर मध्य प्रदेश के मुनव्वर सलीम को टिकट दे दिया गया। उमर खां को विधान परिषद के लिए टिकट दिया गया। मौलाना बुखारी ने इसे अपना अपमान समझा और मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया। ऐसा बताया जा रहा है बुखारी अपने भाई याह्या को राज्य सभा का टिकट और दामाद को लालबत्ती दिलाना चाहते हैं।  
चिट्ठी में बुखारी ने लिखा है,'मुसलमानों को सत्ता में बराबरी की हिस्सेदारी देने को लेकर समाजवादी पार्टी का रवैया भी अफसोसजनक है। राज्यसभा चुनाव में एसपी ने सिर्फ एक मुसलमान को टिकट दिया है और वह भी मध्य प्रदेश के किसी गुमनाम शख्स को, जो किसी भी हाल में मुसलमानों के काम नहीं आने वाला है। मुझे इस बात पर हैरत है कि देश के सबसे बड़े सूबे में आपको एक भी योग्य मुसलमान नहीं मिला। पार्टी ने विधान परिषद के लिए जो सूची जारी कि है उसमें भी सिर्फ एक मुसलमान है। अगर आप सत्ता और प्रशासन में मुसलमानों को ईमानदारी के साथ बराबरी की भागीदारी नहीं देते हैं, तो मैं मेरे दामाद को दिया गया टिकट शुक्रिया के साथ आपको वापस करता हूं।'  बुखारी से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले संसदीय कार्य एवं नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां ने बुखारी की इस 'ब्लैकमेलिंग' को लेकर उन्हें निशाने पर ले लिया। आजम ने कहा कि बुखारी भाई के लिए राज्य सभा टिकट और दामाद के लिए लालबत्ती चाहते थे। मांग पूरी न होने पर उन्होंने दामाद का विधान परिषद टिकट लौटा दिया। आजम ने कहा कि इमाम साहब अपने मतलब के लिए मुसलमानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। आजम ने उमर को विधान परिषद देने का भी विरोध किया था। उन्होंने तब कहा था कि धार्मिक लोगों को राजनीति से दूर ही रखना चाहिए। बुखारी के टिकट को लौटाने पर आजम खां ने शाही इमाम का नाम लिए बगैर कहा कि बड़े इमाम साहब की राजनीतिक हैसियत क्या है, यह विधानसभा चुनाव में उनके दामाद की बुरी तरह हार से तय हो चुका है। उनके दामाद जिस सीट पर चुनाव लड़े वहां अस्सी फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं, फिर भी जमानत नहीं बचा पाए।