Tuesday, September 17, 2019

नमो का बिहार कनेक्शन



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का 17 सितंबर को 69वां जन्मदिन है और बिहार बीजेपी (BJP) की तरफ से इस मौके को खास बनाने की पूरी तैयारी हो रही है. नमो का बिहार कनेक्शन (Bihar Connection) भी काफी गहरा रहा है. जी हां, बिहार और पीएम नरेंद्र मोदी का एक दूसरे से गहरा नाता रहा है. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार करने हुंकार रैली में जब मोदी गांधी मैदान (Gandhi Maidan) पहुंचे और इस दौरान रैली में जो विस्फोट हुआ, उसके बाद उनके पक्ष में पूरे देश में माहौल ही बदल गया था. शायद यही वजह है कि मोदी के लिए बिहार खास बन गया है.

नमो और बिहार का रिश्‍ता
1.नरेंद्र मोदी के बिहार से कनेक्शन की शुरुआत 2004 से ही हो गई थी, जब लुधियाना की रैली में नीतीश कुमार और मोदी की हाथ उठा कर एक फोटो सामने आयी थी. इस तस्वीर को लेकर तब ख़ूब चर्चा हुई थी और आज भी वो तस्वीर चर्चा में बनी हुई है.

2- नरेंद्र मोदी 2010 में जब बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जो गांधी मैदान में हुई थी, में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे थे. देश के कई बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री और बीजेपी के बड़े नेता भी पटना एयरपोर्ट पहुंचे थे. तमाम बड़े नेता कार में बैठकर मीटिंग में शामिल होने के लिए निकल गाए, लेकिन मोदी कार्यकर्ताओ से मुलाक़ात करने चले गए. उसके बाद ही कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने निकले.

3- बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद जो घटना हुई वह खासी चर्चा में रही. नीतीश कुमार ने बीजेपी के बड़े नेताओं के लिए दिए गए भोज को अंतिम समय में कैंसिल कर दिया था. इससे बीजेपी और जेडीयू के रिश्तों में काफ़ी तनाव बढ़ गया था, लेकिन इस घटना ने बिहार बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओ में मोदी के लिए क्रेज़ बढ़ा दिया और कार्यकारिणी की बैठक के बाद गांधी मैदान में जो रैली हुई तब गांधी मैदान में समर्थकों ने नमो का मास्क लगा उनके समर्थन में ख़ूब नारेबाज़ी की थी. यही नहीं, जेडीयू के समर्थकों से डाक बंगला में बीजेपी समर्थकों से भिड़ंत भी हुई थी.

4- इस घटना के बाद नीतीश कुमार के अड़ियल रूख ने बीजेपी के लिए मुसीबत बढ़ा दी और उसी दबाव में मोदी बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार करने नहीं पहुंचे.

5-मामला यही नहीं रुका, कोशी बाढ़ राहत के लिए जब कई राज्यों ने बिहार सरकार की मदद के लिए राशि भेजी, तब नरेंद्र मोदी ने भी गुजरात सरकार के तरफ़ पांच करोड़ रुपए और सामान भिजवाया था. सामान भिजवाने के पांच दिन के बाद पटना में कई जगह पर गुजरात सरकार की मदद का नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाला पोस्टर लगा था, जिसके कारण नीतीश कुमार ने राशि और मदद वापस लौटा दी. इससे दोनों के रिश्‍ते खराब हुए.
6-मोदी ने बिहार से अपने गहरे सम्बंध को बनाए रखा और जब गुजरात विधान सभा चुनाव हुआ तब उन्‍होंने बिहार के कई नेताओं को गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए बुलाया था.

7-आख़िरकार बीजेपी और जेडीयू के सम्बंध खराब होते चले गए और 16 जून 2013 को दोनों का गठबंधन टूट गया. हालांकि नमो का बिहार से कनेक्शन बढ़ता ही जा रहा था. बीजेपी के वरिष्ठ नेट कैलाश पति मिश्र का जब निधन हुआ तब मोदी पटना पहुंचे थे.

8-इस बीच नरेंद्र मोदी का कद बीजेपी में तेजी से बढ़ता चला गया और 2013 आते-आते नमो को बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया. जब देशभर में मोदी की लहर बढ़ती जा रही थी, तब देश में पहली नमो चाय की शुरुआत पटना से ही हुई थी, जो चर्चा की वजह बनी.

9-2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए जब मोदी 27 अक्टूबर को गांधी मैदान पहुंचे तो रैली में बम विस्फोट की घटना से हर कोई दहल गया. मोदी के पक्ष में सहानुभूति की ज़बरदस्त लहर बनी और देश-बिहार में भी बीजेपी को शानदार सफलता मिली. जबकि जेडीयू मात्र 2 सीट पर सिमट गई थी.

10- 2014 में मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो बिहार के लिए उन्होंने विशेष पैकेज का वादा किया था. जबकि बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन (नीतीश और लालू की जोड़ी) थी. पीएम मोदी ने बिहार में तूफ़ानी चुनाव प्रचार किया और इसी दौरान मुजफ्फरपुर रैली के दौरान उन्‍होंने नीतीश के DNA का मुद्दा उठाया था. इसका असर चुनाव परिणामों पर हुआ.

11.विधानसभा प्रचार के दौरान ही नमो ने आरा के मैदान में बिहार के लिए सवा लाख करोड़ का स्पेशल पैकेज देने का वादा किया था. हालांकि बाद में बिहार सरकार को अधिकांश राशि मिली भी.

12- बिहार विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के एक साल के बाद ही महागठबंधन में नीतीश कुमार घुटन महसूस करने लगे और इस बीच कुछ ऐसी घटनाएं घटती चली गईं, जिसने नीतीश और पीएम मोदी को करीब ला दिया. नोट बंदी पर नमो का समर्थन करना, प्रकाश पर्व में नमो का आना और नीतीश कुमार के साथ मंच शेयर करना, लालू यादव को सामने जमीन पर बैठाना, ऐसी कुछ घटनाएं होती चली गईं, जिसकी वजह से नीतीश ने महागठबंधन का दामन छोड़ दिया. इसके बाद भाजपा और जेडीयू ने सरकार बना ली.

13-इस बीच नरेंद्र मोदी कई केंद्रीय योजनाओं के उद्घाटन के सिलसिले में बिहार पहुंचे और साथ ही बिहार को कई बड़ी सौग़ात दीं.

14- 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार ने भी नमो को शानदार तोहफ़ा दिया और 40 में से 39 सीट झोली में डाल दीं, लेकिन बिहार में ही उनके सहयोगी के रूख ने बीजेपी के लिए थोड़ा तनाव भी बढ़ाया. जेडीयू ने धारा 370, तीन तलाक़ और NRC जैसे मुद्दे पर जेडीयू ने विरोध के स्वर दिखाए हैं.

जेडीयू और भाजपा ने कही ये बात
बहरहाल, नमो के लिए बिहार से खट्टे-मीठे रिश्ते समय-समय पर आते रहे हैं, लेकिन आज भी बिहार बीजेपी के नेता हों या सहयोगी पीएम के बिहार से नज़दीकी रिश्ते का हवाला ज़रूर देते हैं. जेडीयू के मंत्री नीरज कुमार और जय कुमार सिंह कहते हैं कि बिहार ख़ास है और कई इतिहास का गवाह भी रहा है. बिहार ने पीएम मोदी को काफ़ी कुछ दिया है और यही बात खास रिश्‍ता बनाती है. जबकि बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी कहते हैं कि पीएम मोदी के लिए बिहार काफ़ी लकी रहा है.

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