Tuesday, August 9, 2011

बिहार का सौ वां स्थापना दिवस

अगले साल 22 मार्च को बिहार का सौ वां स्थापना दिवस है। सौवें स्थापना वर्ष को एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जायेगा ताकि जन-जन की भागीदारी हो। बिहार दिवस के आयोजन का मुख्य मकसद बिहार के गौरव को स्थापित करना बिहारी अस्मिता को बढ़ावा देना है। मंत्रिपरिषद की बैठक में समारोह के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। राज्य के प्रमुख विभाग शताब्दी वर्ष के मौके पर एक नयी योजना की शुरुआत शताब्दी योजना के रूप में करेंगे। इस वर्ष पूर्ण होने वाली एवं प्रारंभ की जाने वाली योजनाओं-कार्यक्रमों को शताब्दी योजना या कार्यक्रम के रूप में जाना जायेगा। विभागों को निर्देश दिया गया है कि विभिन्न विभाग 22 मार्च 2012 तक अपने प्रमुख गतिविधियों का एक कैलेंडर बनायें जिसमें गतिविधि कब और कहां आयोजित होगी का उल्लेख रहेगा। मानव संसाधन विभाग विभिन्न विभागों के कैलेंडर को मिलाकर एक राज्यस्तरीय कार्यक्रम कैलेंडर बनायेगा ताकि अधिक से अधिक लोग कार्यक्रमों में भाग ले सकें।
* पूरे प्रदेश में सांस्कृति कार्यक्रम, कलात्मक कार्य, फिल्म उत्सव, खेल-कूद के कार्यक्रम, विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन।
* लुप्त प्राय समुदायों के परफार्मिग आर्ट, फोक थियेटर का अनुसंधान कर उसे विकसित करने का होगा उपाय।
* लुप्तप्राय कलाओं, विधाओं, जीवनशैली, भोजन, वेशभूषा एवं खेलकूद को पुनर्जीवित एवं विकसित किया जायेगा।
* प्राचीन, प्रसिद्ध पुस्तकों को होगा पुन: प्रकाशन। कला, संस्कृति, पर्यटन, पुरातत्व, इतिहास, जीवनशैली आदि पर शोध कराकर पुस्तकों की श्रृंखला निकाली जायेगी।
* शताब्दी वर्ष को यादगार बनाने के लिए पटना या पटना के आस-पास एक बिहार शताब्दी द्वार का निर्माण कराया जायेगा।
* बिहार के व्यक्तित्व को समग्रता देने वाली फिल्म का निर्माण बड़े फिल्मकार से कराया जायेगा।
* विभिन्न विधाओं एवं उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए बिहार के व्यक्तियों को पुरस्कृत किया जायेगा।
* बिहार मूल के लोग जिन देशों में बसे हैं वहां भी बिहार दिवस का आयोजन होगा और उन्हें बिहार आमंत्रित भी किया जायेगा।
* हर गांव, पंचायत प्रखंड, जिला राजधानी, देश के विभिन्न शहरों और देश की राजधानी में भी कार्यक्रम आयोजित होंगे।

No comments:

Post a Comment