Friday, July 1, 2011

NAXALI HAMALA

मुंगेर के धरहरा प्रखंड के करेली गाँव में शनिवार  की सुबह नक्सालियों ने कहर बरपाया. छः निर्दिश लोगों की हत्या करने के साथ ही सात अन्य लोगों को अपहृत कर लिया. दरअसल नक्सालियों ने चिल्खोरी कांड पर आये कोर्ट के फैसले के खिलाफ जिनमे चार नक्सलियों को फांसी की सजा दी गई थी २४ घंटे के बंद का आह्वान किया था. इसी दौरान नक्सालियों ने करेली गाँव पर हमला बोला और खुनी खेल खेला. 
मुंगेर, लखीसराय और जमुई में नक्सालियों को वंहा की खुशहाली और बंजर में फ़ैल रही हरियाली रास नहीं आ रही हैं. वाटर शेड प्रोग्राम से जुड़े लोगो को नक्सली  इसके पहले भी कई बार धमकी दे चुके थे. नक्सलियों  के जनसघर्ष को उपरी तौर पर तो राजसत्ता  के खिलाफ बताया जाता हैं मगर आमतौर पर उनके शिकार निर्दोष और निरीह लोग ही होते हैं. मुंगेर की इस घटना में भी नक्सलियों ने आम लोगो को ही निशाना बनाया हैं. नक्सलियों को देर- सबेर यह स्पष्ट करना होगा की उनकी लड़ाई सत्ता से हैं या आमलोगों से. क्या नक्सली अपनी इस तरह की करवाई को किसी तर्क के आधार पर जायज ठहरा सकते हैं. 
भ्रष्टाचार , घूसखोरी,प्रशासनिक लेटलतीफी,चोरबाजारी, जमाखोरी,कालाबाजारी,महंगाई पीड़ित-प्रताड़ित लोगों के लिए एक मुद्दा हो सकता हैं. इन मुद्दों को लेकर जनतांत्रिक तरीके से विरोध भी हो सकता हैं. मगर हिंसा के रस्ते को किसी भी कीमत पर जायज नहीं ठहराया जा सकता हैं. नक्सलियों को भी यह समझ  लेनी चाहिए की हिंसा से वे दहशत फैला सकते हैं.व्यवस्था और समाज तो हरगिज नहीं बदल सकते हैं.

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