Friday, July 15, 2011

मीडिया पर आधात

लखनऊ से प्रकाशित डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट के चैयरमैन डॉ. निशीथ रॉय के पैत्रिक आवास पर मध्य रात्रि के बाद हुई पुलिसिया करवाई लोकतंत्र का गला घोटने के लिए मीडिया पर किया गया आधात है. इसकी जितनी भी निंदा की जाय कम हैं. पिछले साल भी इस दैनिक के तेवर से घबडा कर इसके चैयरमैन के आवंटित आवास को रात्रि में पुलिस भेज कर खाली कराया गया था. घर की महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया था तथा घर के सामान को बहार निकाल कर फेंक दिया गया था. शब्द-शब्द संघर्ष का मूल वाक्य और जयघोष के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिए मीडिया के इस प्रहरी को शुरू से ही मायावती सरकार प्रताड़ित करती रही हैं. कभी बिजली कनेक्शन कटा गया तो कभी प्रिंटिंग मशीन को जब्त किया गया..... जब इसके बाद भी अख़बार समझौता के लिए तैयार नहीं हुआ तो तरह-तरह की धमकियाँ दी गयी. दरअसल शासन की चहुओर विफलता से घबराई मायावती सरकर अब पुलिस का दुरूपयोग कर आम लोगों को भयभीत करना चाहती है. अगले साल उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं. उसके पहले मायावती अपने तमाम विरोधियों को सबक सिखाना चाहती हैं. लोकतंत्र के लिए यह शुभ नहीं है. महामहिम राष्ट्रपति महोदय और केंद्र सरकर को पहल करनी चाहिए. अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक सरकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को भी करवाई करनी चाहिए.....

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