Friday, July 8, 2011

2जी स्पेलक्ट्रम का भूत

2जी स्पेलक्ट्रलम नाम का भूत यूपीए का पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है। यूपीए के 2 केबिनेट मंत्री ए राजा और दयानिधि मारन इसकी भेंट चढ़ चुके हैं। ये मंत्री तो सहयोगी पार्टी डीएमके के थे। अब इस मामले में कांग्रेस के अपने ही मंत्री कपिल सिब्बइल का नाम आ रहा है। कपिल सिब्ब ल पर अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युेनिकेशन पर लगे 650 करोड़ के अर्थदंड को घटाकर केवल 5 करोड़ करने का आरोप है।

2जी स्पेवक्ट्र म घोटाले में फंसने और इस्ती फा देने के बाद कपिल सिब्बकल के पास संचार मंत्रालय का अतिरिक्त़ कार्यभार है। गैर-सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें सिब्बेल पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इन्फोकॉम पर लगे 650 करोड़ रुपये के हर्जाने को कम करके 5 करोड़ करने का आरोप लगाया गया है।

रिलायंस कंपनी को 2जी लाइसेंस आवंटन के समय 13 सर्किलों में सेवा उपलब्धन कराने का लाइसेंस दिया गया था। रिलायंस कंपनी ने 2जी नियमों का उलंघन करते हुए इन सर्किलों में रिमोट इलाकों में सेवा बंद कर दी। इसके बाद इस मामले में कंपनी पर हर सर्किल पर 50 करोड़ के हिसाब से जुर्माना ठोका गया था। इस हिसाब से जुर्माने की रकम 650 करोड़ रुपए बनती थी। तत्का लीन संचार मंत्री कपिल सिब्बबल ने दूरसंचार विभाग के अधिकारियों की बात नकारते हुए इस निजी कंपनी का हर्जाना घटाकर 5 करोड़ कर दिया। जिससे सरकारी राजस्वद को 645 करोड़ का नुकसान हुआ है।

इस मामले में अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवटी की भूमिका की भी जांच की जाएगी। उन पर भी कपिल सिब्बसल के साथ मिलकर पूर्व संचार मंत्री ए राजा के पक्ष्ाट में राय देने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई तक होनी है। अगर इस बार कपिल सिब्बरल पर भी मामला साबित हो गया तो 2जी स्पेकक्ट्र म मामले में इस बार कांग्रेस की भी किरकिरी हो सकती है। पहले तो इस मामले में यूपीए ने डीएमके के सांसदों के शामिल होने की बात कहकर अपना पल्लाा झाड़ लिया था।

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