Sunday, July 10, 2011

कैबिनेट का चेहरा बदलने की कवायद

मनमोहन सिंह कैबिनेट का चेहरा बदलने की की तैयारी में है।  कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आखिरी दौर की वार्ताएं शुरू कर दी हैं। भ्रष्टाचार के चौतरफा आरोपों से बाहर निकलने की जद्दोजहद में मनमोहन-सोनिया के सामने परफार्मेंस और गुड गवर्नेंस के आधार पर कवायद को अंजाम देने की चुनौती है। दिल्ली में कैबिनेट फेरबदल के मुद्दे पर पिछले 15 दिनों में तीसरी बार सोनिया-मनमोहन की मुलाकात हुई है। बताया जा रहा है कि सोमवार शाम तक मंत्रिमंडल में फेरबदल हो जाएगा।

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में घिरे कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन का इस्तीफा, कारपोरेट मामलों के मंत्री मुरली देवड़ा की इस्तीफे की पेशकश भी इसके पीछे जिम्मेदार बताई जा रही है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा पहले से ही जेल पहुंच चुके हैं। 

शनिवार को दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की। नई एंट्री के तौर पर पूर्व मंत्री शिवराज पाटिल के लिए भी लॉबिंग जारी है। हालांकि पाटिल को महाराष्ट्र से राज्यसभा की सीट नहीं मिल पाई, जिससे उनके कैबिनेट में आने की संभावना कम हो गई है। 

लाल, बालू व पासवान को मिल सकती है जगह

वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को चेन्नई में द्रमुक सुप्रीमो एम. करुणानिधि से मुलाकात की। चर्चा के बाद प्रणब ने स्पष्ट किया कि गठबंधन पर कोई खतरा नहीं है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में द्रमुक पार्टी के खाते की दो रिक्तियों के लिए नए नाम फिलहाल नहीं देगा। वैसे, पार्टी के संसदीय प्रमुख टीआर बालू, पार्टी प्रवक्ता केएस इलंगोवान और एकेएस विजयन को कैबिनेट में लिए जाने की चर्चा है। उधर, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव व रामविलास पासवान भी मंत्रिमंडल में जगह बनाने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं और सोनिया से मुलाकात भी कर चुके हैं। 

बेदागों को ही रखो टीम में -अन्ना

मुंबई. समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री को सलाह दी है कि वह अपने कैबिनेट सहयोगियों में स्वच्छ चरित्र और सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करें। हजारे से दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल पर लग रहे आरोपों पर सवाल पूछा गया था, जिसका सीधा जवाब उन्होंने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। सिब्बल और हजारे लोकपाल बिल के लिए बनी संयुक्त मसौदा समिति के सदस्य थे और दोनों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला था।

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