Tuesday, January 8, 2013

यह कौन है अकबरुद्दीन ओवैसी?

भड़काऊ भाषण देने के मामले में देश के खिलाफ जंग के मुकदमे का सामना कर रहे एमआईएम के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मेडिकल जांच के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। यहां सवाल उठता है कि यह कौन है अकबरुद्दीन ओवैसी?जो विषवमन करके आराम से विदेश चला जाता है और वहां से आने के बाद पुलिसिया कार्रवाई का सामना करने के बजाय तरह-तरह का बहाना बनाता है। जानकारों की माने तो आंध्र प्रदेश के हैदराबाद ओल्ड सिटी में करीब 40 सालों से भी ज्यादा वक्त से ओवैसी परिवार का राजनीतिक दबदबा बना हुआ है। सुल्तान सलाउद्दीन ओवैसी द्वारा शुरू की गई मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी ने हैदराबाद ओल्ड सिटी को अपना गढ़ बना लिया है। सलाउद्दीन ओवैसी की राजनीतिक विरासत को उनके दो बेटे असदउद्दीन और अकबरूद्दीन ओवैसी बखूबी संभाल रहे हैं। दोनों भाई अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए मुसलमानों का मसीहा बनने की कोशिश करते दिखते हैं। असदउद्दीन ओवैसी सांसद हैं और अकबरूद्दीन ओवैसी विधायक हैं। अकबरूद्दीन को ओल्ट सिटी का बाहुबली माना जाता है। वह पहली बार तब सुर्खियों में आया था जब उसने प्रख्यात लेखिका तस्लीमा नसरीन को जान से मारने की बात कही थी। यूं तो अकबरूद्दीन ने लंदन से बैरिस्टर की पढ़ाई की है। वह और उनके भाई वैसे तो हैदराबाद के पॉश बंजारा हिल्स इलाके में रहते हैं लेकिन उनकी राजनीति की जड़ें ओल्ड सिटी में हैं जहां की 40 फीसदी आबादी मुसलमानों की है। वक्फ बोर्ड और मुस्लिम शिक्षा संस्थानों में इनकी मजबूत पकड़ है। अकबरूद्दीन ओवैसी के पिता सलाउद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद ओल्ड सिटी में पत्तार्गुत्टी से चुनाव लड़ा था और बाद से हमेशा ओल्ड सीटी से चुनाव लड़ते और जीतते आए हैं। हैदराबाद के पुराने शहर से एमआईएम हमेशा कम से कम सात मुस्लिम विधयाकों को विधानसभा भेजती रही है, लेकिन सांसद सिर्फ ओवैसी परिवार के होते हैं। हालांकि, एमआईएम को 1936 में नवाब नवाज किलेदार ने शुरू किया था जब हैदराबाद एक स्वतंत्र राज्य था और वहां नावाबों का शासन था।उस वक़्त मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन केवल एक सांकृतिक अंग था, लेकिन बाद में यह मुस्लिम लीग के साथ जुड़ने के बाद पूरी तरह से एक राजनितिक संगठन में बदल गया और उसके बाद राजनीतिक पार्टी में। मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन उस वक़्त अलग मुस्लिम राज्य के लिए मुस्लिम लीग के साथ रहा और आज भी अक्सर अकबरुद्दीन जैसे नेताओं के भाषण में पाकिस्तान का नाम जरूर होता है और आदिलाबाद में दिए गए उनके भाषण में उन्होंने कसाब को बच्चा कहा है। एमआईएम पार्टी का हैदराबाद के रजाकारों (स्वयंसेवकों) से गहरा रिश्ता रहा है और रजाकार हमेशा हैदराबाद रियासत को भारत में शामिल करने के खिलाफ थे और यही वजह है 1948 से 1957 तक एमआईएम को बैन किया गया था। जानकारों के मुताबिक ओवैसी परिवार कई बार अपनी पहचान अपने इतिहास के साथ जोड़ते हैं और यही वजह है कि आदिलाबाद में अकबरुद्दीन ने इस तरह का भाषण दिया।

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