Thursday, January 10, 2013

नक्सलियों की क्रूर कार्रवाई




नक्सलियों का एक बार फिर क्रूर चेहरा सामने आया है। दरअसल माओवाद के इतिहास में ये अपनी तरह की पहली घटना है जब माओवादियों ने मारे गए जवानों के पेट को चीर कर उसमे बम लगाए हों।जबकि हाल ही में माओवादियों ने घोषणा की थी कि वह क्रूर तरीकों को अलविदा कह रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जवान के पेट में जो विस्फोटक लगाया गया था वो दरअसल प्रेशर बम थे जो हल्के से दबाव से फट जाता। झारखंड पुलिस के मुताबिक लातेहार में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद जिन पांच जवानों के शव बरामद किये गए उनमें से तीन के शवों में माओवादियों नें विस्फोटक लगा दिए थे जबकि एक जवान के शव को हटाने के क्रम में हुए विस्फोट की वजह से चार ग्रामीण सहित पांच लोगों की मौत हो गई है। वहीं पोस्टमार्टम के लिए रांची के सरकारी अस्पताल ले जाए शवों से भी डॉक्टरों ने विस्फोटक बरामद किया है। झारखंड के पुलिस महानिदेशक गौरी शंकर रथ का कहना है कि जब जवानों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाया गया तो उनके पेट पर टांके नजर आ रहे थे। डाक्टरों को शक हुआ तो उन्होंने शव का एक्स-रे करवाया। एक्स-रे में नजर आया कि शवों के पेट में कोई चीज मौजूद है जिसमे तार जुड़े हुए हैं। अस्पताल में अफरा तफरी मच गई और फिर बम निरोधक दस्ते को बुलवाया गया। पुलिस का कहना है कि ये प्रेशर बम था जो माओवादियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान के पेट को चीर कर उसमे रख दिया था। मालूम हो कि सोमवार की रात सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच लातेहार के कटिया के जंगलों में जमकर मुठभेड़ हुई थी जिसमें कई जवान मारे गए थे। घटना के बाद सात जवानों के शवों को बरामद किया गया लेकिन पांच को लापता बताया गया था। बुधवार को पुलिस को सूचना मिली कि उन पांचों जवानों के शव जंगल में पड़े हैं। इन्हीं शवों में नक्सलियों ने बम प्लांट कर यह जता दिया कि क्रूरता की हदें पार करने से उन्हें परहेज नहीं है।

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