Monday, January 7, 2013

झारखंड में सियासी ड्रामा



झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य में अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। सोमवार को महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य की भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की। झामुमो के इस फैसले से राज्य की भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है। राज्य में भाजपा और जेएमएम के बीच मुख्यमंत्री बदलने की बात को लेकर विवाद चल रहा था। मालूम हो कि सोमवार शाम झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन से उनके आवास पर पहुंच कर मुलाकात की। बताया जाता है कि यह मुलाकात भाजपा-झामुमो-आज्सू-जदयू गठबंधन की सरकार को बचाने की दिशा में एक कदम था। सोमवार की दोपहर राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री वैद्यनाथ राम के साथ अर्जुन मुंडा झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। वहां पर उनकी शिबू सोरेन और उनके बेटे तथा उपमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ बंद कमरे में लगभग 40 मिनट तक बातचीत हुई। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने इसके बार में कुछ नहीं कहा। मुंडा मीडिया से बिना कोई बातचीत किये सीधे अपने आवास के लिए निकल गये। बताया जा रहा है कि मुंडा राज्य में भाजपा सरकार से समर्थन वापसी के मुद्दे को शांत करने के उद्देश्य से सोरेन के निवास पर गए थे। जानकार यह भी कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री का मकसद शिबू सोरेन को समर्थन वापस न लेने के लिए मनाना भी था।  उल्लेखनीय है कि झामुमो नेता एवं उपमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 25 दिसंबर को यह मांगपत्र दिया था जिसमें 28-28 महीने के लिए मुख्यमंत्री का पद दोनों दलों के पास रहने के मुद्दे पर उनसे रूख स्पष्ट करने की भी मांग की गयी थी। इस संकट के बाद दिल्ली से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान और पटना से भाजपा के प्रदेश प्रभारी हरेंद्र प्रताप भी रांची पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि ये दोनों भी शिबू सोरेन से मुलाकात करेंगे, जिसके बाद ही राज्य में गठबंधन सरकार के भविष्य बारे में अंतिम खुलासा हो पाएगा।

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