Saturday, January 5, 2013

फिर फूटेगा महंगाई बम



आने वाले समय में डीजल, केरोसीन और रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतें बढ़ सकती हैं क्योंकि सरकार राजकोषीय घाटा कटौती पर केलकर समिति की सिफारिशों पर विचार कर रही है। राजकोषीय हालत को मजबूत बनाने के लिए वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम ने केलकर समिति का गठन किया था। समिति ने ने ईंधन कीमतों में तत्काल कटौती और डीजल के दाम 2014-15 की शुरूआत से पूरी तरह नियंत्रण मुक्त करने का सुझाव दिया है। पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने पत्रकारों से कहा, डीजल की कीमत को नियंत्रण मुक्त करने और केरोसीन एवं एलपीजी के दाम बढ़ाने के विजय केलकर समिति की सिफारिश एक प्रस्ताव है। यह अभी प्रस्ताव के स्तर पर ही है। यह रिपोर्ट पेट्रेलियम मंत्रालय की प्रक्रिया में है और अभी हम इस बारे में फैसला करने वाले हैं। इसके पहले, वित्त मंत्रालय ने राजकोषीय हालात को मजबूत करने के रास्ते सुझाने के लिए इस समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रपट में डीजल तथा केरोसीन के दाम बढ1ाने का सुझाव दिया था ताकि 1,63,000 करोड़ रुपये के ईंधन सब्सिडी खर्च में कमी लाई जा सके सके। उनका यह भी कहना है कि मंत्रालय ने फिलहाल दाम बढ़ाने का कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया है और न ही इस बारे में विचार किया जा रहा है। केलकर समिति ने अपनी रपट में सुझाव दिया है कि ईंधन ब्रिकी से हो रहे नुकसान को देखते हुए डीजल के दाम में में साल भर में 9.28 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की जानी चाहिए। केरोसीन के मामले में दो साल में 10 रुपए लीटर की वृद्धि का सुझाव दिया गया है। नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि मौजूदा आर्थिक हालात बहुत खराब हैं। इसे निपटने के लिए उन्होंने रसोई गैस, पेट्रोल और बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी के संकेत दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में 8 फीसदी की वृद्धि दर बनाए रखने के लिए सब्सिडी में कटौती जरूरी है।डीजल,केरोसीन और रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतें बढ़ने का सीधा सा अर्थ है कि आम लोगों पर एक बार फिर महंगाई बम फूटेगा।

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