Tuesday, March 26, 2013

गहराया राजनीति का रंग


बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग और उसकी राजनीति का रंग होली के एक दिन पहले ही परवान चढ़ गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की उनकी मांग पर सोचने के लिए केंद्र को अंततोगत्वा बाध्य होना होगा। वहीं भाजपा का मानना है कि कांग्रेस अपनी सत्ता बचाने के लिए बिहार कार्ड खेल रही है। भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी का कहना है कि उन्हें बिहार को पिछड़ा कहा जाना स्वीकार नहीं है। मीडिया में आई उस खबर जिसमें यह कहा गया है कि बिहार के आर्थिक पिछडेÞपन को ध्यान में रखते हुए केंद्र इस प्रदेश को पिछड़ा प्रदेश घोषित करने पर विचार कर रहा है, नीतीश कुमार ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की उनकी मांग पर सोचने के लिए केंद्र को अंततोगत्वा बाध्य होना होगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है, केंद्र सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट एवं केंद्रीय वित्त मंत्री के बजट भाषण में जो संकेत दिये गये थे, वही बातें आज के समाचार पत्रों में दोहरायी गयी है। नीतीश ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जो बातें आर्थिक सर्वे एवं बजट भाषण में कही हैं उसे पूरा करना चाहिये। उन्होंने कहा कि बिहार एवं अन्य पिछडे राज्यों को उसका हक दिया जाना चाहिये। उन्हें भी विकास की दौड़ में बढ़ने का अवसर मिलना चाहिये। नीतीश ने कहा कि हमारे तर्क में ताकत है। अन्ततोगत्वा केंद्र को हमारी मांग पर सोचने के लिए बाध्य होना होगा। नीतीश के घोर विरोधी राजद सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद ने उन पर कटाक्ष करते हुए केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा, बांधकर रखें कहीं छटक न जाए, मान लिया है तो जाकर ले आएं। अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ छोडकर कांग्रेस के साथ नीतीश के जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर लालू ने कहा कि उन्हें सिद्धांत से क्या मतलब है, नीतीश किसी के साथ जा सकते हैं। नीतीश के बारे में लालू ने कहा कि उनका न तो कोई उसूल और सिद्धांत है, वे किसी के साथ भी जा सकते हैं।

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