Sunday, March 17, 2013

नीतीश ने बिछाई चुनाव बाद की बिसात


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को स्पष्ट संदेश दिया कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद सरकार के गठन में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अहम भूमिका निभाएगी। नीतीश ने अपने समर्थकों से आम चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा, जिससे केंद्र में सरकार बनाने वाली कोई भी पार्टी बिहार के लोगों की आवाज सुनने को मजबूर हो जाए। जदयू मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सहयोगी दल है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी विकास की राजनीति का जिक्र किए बिना नीतीश ने कहा कि विकास का वास्तविक मॉडल कम विकसित प्रदेशों के अधिकारों की लड़ाई लडऩा और जाति व क्षेत्र के आधार पर बांटे बिना हर किसी को साथ लेकर आगे बढऩा है। नीतीश कुमार ने दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई रैली में कहा, 'हमें 2014 के आम चुनाव के लिए तैयार रहना है। केंद्र सरकार या तो बिहार को तत्काल विशेष राज्य का दर्जा दे दे या हम 2014 के लोकसभा चुनाव के निश्चित रूप से यह हासिल कर लेंगे। जो कम विकसित लोगों के बारे में सोचेगा, वही दिल्ली में सरकार बनाएगा। जो बिहार के लोगों की आवाज सुनेगा उसे ही केंद्र में सरकार बनाना चाहिए। इस व्यापक रैली को बिहार के मुख्यमंत्री का नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। कुमार ने 40 लोकसभा सीटों वाले बिहार के लोगों की सभा के माध्यम से तगड़ा संदेश दिया कि सरकार के गठन के दौरान केंद्र उसकी अनदेखी नहीं कर सकता। बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य को विशेष दर्जा दिलाने के लिए बीते दो साल से अभियान छेड़ा हुआ है। भले ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुरुआती तौर पर इस मुद्दे के प्रति अपनी अनिच्छा जाहिर की थी, लेकिन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संकेत दिया है कि केंद्र सरकार इस मसले पर दोबारा गौर करेगी। कुमार ने दलील दी कि बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग के साथ राज्य न सिर्फ अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है, बल्कि केंद्र सरकार के नियमों और नीतियों में बदलाव से अन्य पिछड़े राज्यों को भी फायदा होगा, जो तेज रफ्तार से विकास करने की कोशिश कर रहे हैं। जनसभा के दौरान नीतीश कुमार ने कहा, 'विकास हमारा अधिकार है। बिहार के लोग क्यों विकसित नहीं हुए? क्यों उन्हें बेहतर शिक्षा, बुनियादी ढांचा और रोजगार उपलब्ध नहीं हुए हैं? हम बिहार को विशेष राज्य दर्जा मिलने तक बिल्कुल चुप नहीं बैठेंगे। बिहार में 10.5 करोड़ से ज्यादा लोग हैं और दिल्ली में बैठे राजनेताओं को उनकी ताकत को मान्यता देनी चाहिए। यदि सभी कम विकसित राज्य एकजुट हो जाएं, तो दिल्ली में कौन सत्ता में होगा?

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