Saturday, March 2, 2013

पीएम उम्मीदवारी की माला


गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के जयकारों से भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान देश की राजधानी स्थित तालकटोरा स्टेडियम शनिवार को गूंज उठा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। गुजरात विधानसभा चुनावों में मिली जीत का विशेष तौर पर जिक्र करते हुए राजनाथ ने कहा, 'गुजरात में मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार जीत पर हम सभी को सुखद अनुभूति हुई है। उनके विकास मॉडल और सुशासन की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। गुजरात के भाजपा कार्यकतार्ओं का मैं शुक्रिया अदा करता हूं।' राजनाथ इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने मोदी को मंच पर बुलाकर माला पहनाकर उनका स्वागत किया।इसके बाद यह सवाल उठा कि क्या यह पीएम उम्मीदवारी की माला है? वैसे भाजपा के इस अधिवशेन में जिस तरह मोदी छा गए, उससे साफ है कि जल्द ही उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। यह बड़ी जिममेवारी पार्लियामेंटरी बोर्ड में उन्हें शामिल करने से शुरू होगी। बाद के दिनों में उन्हें भाजपा चुनाव अभियान की कमान सौंपी जा सकती है। इस बीच हरचंद यह कोशिश होगी कि राजग में उनके नाम सर्वसम्मति न भी बने तो सर्वाधिक सहमति बनाई जाए। गौरतलब है कि आरएसएस की भी करीब-करीब यही सोच है। आरएसएस का एक घड़ा जो मोहन भागवत के हार्डलाइन से इतर राजनीतिक सूझबूझ के साथ इस पूरे अभियान में सक्रिय है, उसकी साफ समझ है कि गठबंधन के इस दौर में आहिस्ते-आहिस्ते और रणनीतिक तौर पर ही मोदी को प्लेस किया जाना चाहिए। आने वाले दिनों में आरएसएस की रणनीतिक बैठक राजस्थान के जयपुर में होने वाली है। उस बैठक में इस अभियान को सेप दिया जा सकता है। भाजपा का एक बड़ा खेमा भी मोदी के नाम पर उत्साहित है। मगर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के लिए यह काम इतना आसान नहीं है, जितना कि दिख रहा है। सुषमा स्वराज, अरुण जेटली के साथ ही आडवाणी इस रणनीति के विस्तार के बड़े बाधा के रूप में पहले से ही चिन्हित हैं। आडवाणी निर्विवाद रूप से आज भी भाजपा के बड़े नेता हैं। उनकी सहमति हर कदम पर महसूस की जा सकती है। संघ मुख्यालय नागपुर भी इस बात और तथ्य से अनजान नहीं है। ऐसे में राजनाथ सिंह की पहल क्या रंग लायेगी यह पूरी तरह से संघ की जयपुर बैठक के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। वैसे तत्काल यह मानने में किसी को कोई हर्ज नहीं होना चाहिए कि शनिवार को जिस अंदाज में मोदी का खैर मकदम किया गया है, उसकी पृष्ठभूमि पीएम पद की उम्मीदवारी के मद्देनजर ही तैयार की गई है। तालकोटरा स्टेडियम में एकत्रित 2200 भाजपा नेताओं से एक साथ खड़े होकर नरेन्द्र मोदी का स्वागत करवाना इस ओर तो इशारा करता ही है कि लोकसभा चुनाव 2014 में नरेन्द्र मोदी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करने वाले हैं।

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