Saturday, April 6, 2013

एक अनार सौ बीमार


लोकसभा चुनाव आने में करीब एक साल से ज्यादा का वक्त है लेकिन हमारे देश के नेता अभी से ही चुनाव की चर्चा करने में लग गए हैं। प्रधानमंत्री पद की रेस में इतने दावेदार सामने आ चुके हैं कि ये पता ही नहीं चल पा रहा कि 2014 में देश का प्रधानमंत्री कौन होगा। एक अनार और सौ बीमार वाली कहावत पूरी तरह से चरितार्थ हो रही है। एक ओर भाजपा में आडवाणी और मोदी प्रधानमंत्री पद की रेस में हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस में वर्तमान प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी सहित अब पी चिदंबरम का भी नाम सामने आया है। गुजरात के विकास के बाद देश के विकास की बात करने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी तो पहले से ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की होड़ में लगे हैं। अब भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी उछला है। पहले भी भाजपा से प्रधानमंत्री पद की दावेदारी कर चुनाव लड़ चुके आडवाणी का नाम शनिवार को एक बार फिर दिल्ली में उछाला गया। भाजपा के स्थापना दिवस में दिल्ली के अध्यक्ष विजय गोयल ने आडवाणी के नाम की चर्चा की। वहीं कांग्रेस देश के वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर एक बार फिर दांव खेल सकती है। वैसे सोनिया गांधी के यसमैन के रूप में जाना जाने वाले मनमोहन सिंह की अर्थशास्त्री वाली छवि को घोटालों के दाग ने काफी हद तक धूमिल कर दिया है। जहां एक ओर मनमोहन सिंह को कई कांग्रेसी पसंद करते हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के युवराज और उपाध्यक्ष राहुल गांधी का भी कई वरिष्ठ कांग्रेस के नाताओं ने पीएम पद के लिए समर्थन दिया है। मगर सवाल है कि भ्रष्टाचार और महंगाई से तंग आ चुकी जनता क्या राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में अपनाएगी? दूसरी ओर हाल में एक विदेशी अखबार में वित्त मंत्री पी चिदंबरम का जिक्र हुआ जिसके बाद उनका नाम भी प्रधानमंत्री पद की रेस में आ गया है। चिदंबरम ने कई बार कांग्रेस को संकट से उबारा है। जिसकी वजह से वह सोनिया गांधी और कांग्रेस के विश्वासनीय बन चुके हैं। अगर कांग्रेस चिदंबरम पर प्रधानमंत्री का दांव खेलती है तो फिर राहुल गांधी का क्या होगा, यह एक बड़ा सवाल है। वैसे ठकुरसुहाती करने वाले कई कांग्रेसी नेता राहुल गांधी का नाम बार-बार उछाल रहे हैं।अब यह देखने की बात होगी अन्तत: किसके नाम पर मुहर लगती है।

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