Wednesday, December 26, 2012

झूठ पर झूठ आखिर क्यों?



दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल सुभाष चंद तोमर की मौत की असल वजह क्या थी? मौत की वजह पर उलझन बढ़ती ही जा रही है। यह उलझन दिल्ली पुलिस की झूठ पर झूठ बोलने की वजह से और बढ़ी है। इस बीच चश्मदीद महिला पाउलिन ने यह कहकर मामले को और उलझा दिया है कि पुलिस झूठ कह रही है। दरअसल सुभाष के आस-पास भीड़ थी ही नहीं तो भीड़ द्वारा उन्हें पीटे जाने का तो सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस सुभाष की मौत के बहाने गैंगरेप के मामले को दबाना चाहती है। वहीं अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने खुद अपने साथी की मौत की जांच करने का फैसला किया है। इस मामले में आठ लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया है। इनमें अरविंद केजरीवाल की 'आप' पार्टी का एक कार्यकर्ता भी शामिल हैं। वहीं अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता के शामिल होने की बात से इंकार करते हुए उल्टा दिल्ली पुलिस की जांच पर ही सवाल उठा दिए। इंडिया गेट के समीप रविवार को ड्यूटी के दौरान मारे गए सिपाही सुभाष चंद तोमर को घटना के वक्त सहारा देने वाले युवक योगेंद्र के मुताबिक सिपाही की मौत प्रदर्शनकारियों के हमले से नहीं बल्कि भीड़ के पीछे भागने के दौरान हुई थी। प्रदर्शनकारियों के पीछे भागते वक्त वे थोड़ी देर के लिए रुके थे बाद में सड़क पर गिर पड़े थे। इसके बाद सुभाष को योगेंद्र, एक युवती व पुलिसकर्मियों ने सहारा भी दिया था। उन लोगों ने सुभाष के जूते खोले, हथेली रगड़ी तथा उनके सीने को दबाकर सांस देने की कोशिश की थी। वहीं पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने मंगलवार को सिपाही की मौत का कारण प्रदर्शनकारियों का उन पर हमला करना बताया था। उन्होंने दावा किया था कि सिपाही के शरीर पर कई गंभीर चोट के निशान थे। वहीं राम मनोहर लोहिया अस्पताल, जहां सिपाही की मौत हुई, वहां के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. टीएस सिद्धू कहते हैं, सदमे के चलते सिपाही को हार्ट अटैक आया था। उसके शरीर पर कहीं भी गंभीर चोट के निशान नहीं थे।

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