Thursday, February 7, 2013
भागवत कह गए मन की बात
महाकुंभ नगरी में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने इशारों ही इशारों में नरेंद्र मोदी को पीएम बनाए जाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जो देश की आवाज है उस पर विचार होना चाहिए। वहीं भागवत ने यह भी कहा कि उम्मीदवार तय करना हमारा काम नहीं है। इसका फैसला सबकी सहमति से ही होगा। संघ प्रमुख ने कहा कि धर्म संसद में कई लोगों ने इस बाबत विचार रखे। देश भर में भी इस बारे में चर्चा हो रही है कि इस नेता को आगे कर सामने लाना चाहिए। मेरा मानना है कि जिन लोगों का ये काम है, उन्हें(भाजपा को) करने देना चाहिए। अगर वे नहीं करते हैं, तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतने देना चाहिए। गौरतलब है कि संघ प्रमुख के पहले कई वक्ताओं ने भी खुलेआम नरेंद्र मोदी को पीएम पद का प्रत्याशी बनाने की मांग मंच से की थी। शीर्ष वीएचपी नेता मीडिया में भी मोदी की वकालत करते दिखाई दिए। इलाहाबाद के महाकुंभ के दौरान धर्मसंसद में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने परोक्ष रूप से ही सही प्रधानमंत्री पद के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि जो देश की आवाज है उसपर विचार होना चाहिए। धर्म संसद में संघ प्रमुख ने कहा कि तात्कालिक परिस्थिति को लेकर यहां पर कुछ विचार व्यक्त किए गए। चुनाव में किसको आना चाहिए...किसको लाना चाहिए...सारे देश में उठ रहे हैं ये विचार। और स्वाभाविक है कि लोग विचार करते ही हैं। लेकिन हम लोग यहां कितना भी बोलेंगे तो भी, जिनको करना है उन्हीं(भाजपा) का कर्तव्य है और उन्हीं को उसका अधिकार है। उनको करने देना चाहिए। उनका करना गलत हुआ तो उनको उसका फल खाने देना चाहिए। लेकिन अपने अधिकार का अतिक्रमण नहीं करना चाहिए, ऐसा मुझे लगता है। संघ प्रमुख ने आगे कहा कि लोग जानते ही हैं कि आपके मन में क्या है। केवल यहां बैठे लोग ऐसा नहीं बोलते, सारे देश में आवाज यही गूंजती है(मोदी के समर्थन की)। भागवत के इतना कहते ही संतों के बीच नरेंद्र मोदी के पक्ष में नारे लगने शुरू हुए। इस तरह मौका मिला और मन की बात कह गए संघ प्रमुख।
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