Friday, February 15, 2013

गरीबों को भोजन का अधिकार यानी चुनावी चाल



खाद्य सुरक्षा विधेयक के प्रावधानों पर भले ही कई राज्य सरकारों ने आपत्ति जताई हो लेकिन आने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए केन्द्र सरकार कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती। वैसे भी बढ़ती मंहगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार पहले से बैकफुट पर है। ऐसे में अंत्योदय अन्न योजना से यूपीए सरकार अपनी अगली पारी खेलना चाहती है। दरअसल संसदीय स्थायी समिती ने सुझाव दिया था कि प्रति व्यक्ति 5 किलों अनाज एकसमान मूल्य पर उपलब्ध कराई जाए। लेकिन केन्द्र सरकार ने इसे बढ़ाकर प्रति व्यक्ति 7 किलों करने का प्रस्ताव दिया है। अगर ये बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो जाता है तो भारत में गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को समर्थन मूल्य से आधी कीमतों पर अनाज उपलब्ध कराया जाएगा दरअसल संसदीय स्थायी समिती ने इन विधेयक में कुछ संशोधन किए थे। लेकिन यूपीए सरकार ने इस संशोधनों में अंत्योदय अन्न योजना और मौजूदा खाद्यान्न आवंटन व्यवस्था को जारी रखा है। इस संशोधित विधेयक के संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। मौजूदा समय में अंत्योदय अन्न योजना के तहत अति निर्धन लोगों को प्रति परिवार हर माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्राप्त होता है जिसमें उसे 2 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और 3 रुपये प्रति किलो की दर से चावल मिलता है। इस बिल को पास कराने के लिए केंद्रीय खाद्य मंत्री के वी थॉमस ने हाल ही में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों ने कुछ सुझावों के साथ इस विधयक पर अपनी सहमति जताई है। दरअसल जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारिखे नजदीक आ रही है जनता को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों में हलचलें भी बढ़ रही है। पहले कैश सब्सिडी स्कीम में मनमाफिक परिणाम नहीं मिलने के बाद यूपीए सरकार अब एक नयी योजना की तलाश कर रही है। लोगों को लुभाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अब गरीबों को भोजन की गारंटी देने की योजना को हरी झंडी दिखा दी है। सोनिया गांधी के निर्देश के सरकार खाद्य सुरक्षा विधेयक में बदलाव करने का मन बना चुकी है। सरकार ने स्थायी समिति की सिफारिशों का विरोध करते हुए इस योजना को बड़े पैमाने पर लागू करने का फैसला किया है। सोनिया गांधी की सहमति के बाद कैबिनेट ने बजट सत्र में इस विधेयक को पेश करने से पहले इसके मौजूदा प्रावधानों को बदलने की कवायत शुरू कर दी है। सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है। खबर के मुताबिक संशोधन के बाद जब यह बिल संसद में पेश होगा तो उसमें अंत्योदय अन्न योजना के तहत हर परिवार को महीने में 35 किलो अनाज देने का प्रावधान शामिल किया जाएगा। साथ ही संशोधित खाद्य सुरक्षा विधेयक में 250 जिलों को गरीब घोषित कर इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इस योजना के तहत समग्र बाल विकास योजना को भी शामिल किया जाएगा। स्थायी समिति की सिफारिशो के मुताबिक हर परिवार को 25 किलो अनाज का प्रावधान था, साथ ही सम्रग बाल विकास को भी इससे अलग रखा गया था। सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि सोनिया गांधी ने संबंधित मंत्रियों से कहा है कि अंत्योदय अन्न योजना में अधिकारों को कम नहीं किया जाएगा। सरकार इस बिल को सत्र के आखिरी हफ्ते में संसद में पेश करेंगी। लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार बिल को पास करवाना चाहती है। वही विपक्ष में बैठी भाजपा ने साफ कर दिया है कि अगर में बिल में 35 किलो से कम का प्रावधान रहा तो वह इसका विरोध करेगी। माना जा रहा है कि खाद्य सुरक्षा बिल कांग्रेस अपने आखिरी चुनावी हथियार के तौर इस्तेमाल कर सकती है।




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