Saturday, February 23, 2013
एक बार फिर अलर्ट
हैदराबाद धमाके में जांच एजेंसियों को अभी तक कोई ऐसा सुराग नहीं मिला है जिसके आधार पर यह कहा जाए असली दोषियों तक वह पहुंच चुकी है। इस बीच गृह मंत्रालय ने देश के छह बड़े शहरों को एक बार फिर अलर्ट भेजा है। हैदराबाद धमाके के बाद गृह मंत्रालय ने शनिवार को छह बड़े शहरों के लिए अलर्ट जारी किया है। जिन शहरों के लिए अलर्ट जारी किया गया है उनमें एक बार फिर हैदराबाद का नाम है। हैदराबाद के अलावा बैंगलोर, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों को भी अलर्ट जारी किया गया है। अलर्ट में कहा गया है कि इन राज्यों की पुलिस केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ तालमेल से काम करें। 21 फरवरी को हैदराबाद में हुए बम धमाकों के लिए भी गृह मंत्रालय ने 19 फरवरी को हाई अलर्ट जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद धमाके को रोका नहीं जा सका। हैदराबाद बम धमाकों के आरोपियों को अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। गृह मंत्रालय का कहना है कि कई आतंकी अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं और आतंकी हमले की साजिश रच रहे हैं। दोहरे बम विस्फोट से दहल उठे शहर के व्यस्त दिलसुखनगर इलाके में स्थितियां पहले की तरह सामान्य हो रही है। दुकानें और सड़क किनारे में लगने वाली खाने पीने की दुकानों में फिर से कामकाज शुरू हो गया है। बस स्टैंड के करीब आतंकी हमले के दो दिन बाद यातायात भी शनिवार को सामान्य हो गया और कारोबारी प्रतिष्ठान भी खुल गए हैं। दिलसुखनगर में काफी शैक्षिक संस्थान, कोचिंग सेंटर, सरकारी दफ्तर, कई मॉल और कई वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हैं। धमाकों के बाद से इलाके में भय का माहौल है। बावजूद, जिंदगी चल रही है। इस तरह की घटनाएं फिर नहीं होनी चाहिए।ऐसी लोगों की उम्मीदें और अपेक्षाएं हैं। बहरहाल, सरकारी उस्मानिया अस्पताल में अनेक घायलों में कुछ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। दूसरी ओर केन्द्र व राज्य की सरकारें कई-कई घोषणाएं कर रही हैं,बयान दिए जा रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बीते गुरुवार को हैदराबाद में हुए दोहरे बम धमाकों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि वह भारत के खिलाफ छद्म युद्ध में शामिल है। पड़ोसी देश बीते कुछ दशक में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़कर कामयाब नहीं हुआ तो उसने छद्म युद्ध शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, पड़ोसी देश ने भारत में समस्या पैदा करने के लिए आतंकवाद का सहारा लिया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हैदराबाद विस्फोटों में पाकिस्तान का हाथ है। पाकिस्तान को वाजपेयी और मुशर्रफ के बीच बैठक के दौरान की गई उस प्रतिबद्धता पर अमल करना चाहिए कि भारत के खिलाफ आतंकवादी घटनाओं के लिए वह अपनी सरजमीं का इस्तेमाल नहीं करने देगा। वैसे भी अफजल गुरु की फांसी के बाद जिस तरह से बदला लेने की धमकियां दी गई थी, उसके बाद पाकिस्तान हैदराबाद विस्फोटों से खुद को अलग भी नहीं कर सकता है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment