Wednesday, February 22, 2012

यूपी चुनाव में बाबा रामदेव भी कसौटी पर


चुनाव के काफी पहले से योग गुरु बाबा रामदेव माहौल को गरमा रहे थे। काले धन और भ्रष्टïाचार पर अपने तीखे तेवर को लेकर बाबा रामदेव ने आम लोगों को भी एक हद तक प्रभावित किया है। अन्ना आंदोलन के दायरे में भी बाबा रामदेव की चर्चा बनी रही। ऐसे में यह देखना लाजिमी है कि बाबा रामदेव का उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में कितना और किस हद तक हस्तक्षेप या प्रभाव रहा। इसका माकूल जवाब तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल पायेगा, मगर बाबा का प्रयास एक तरह से कांग्रेस को शिकस्त देने की ही रही है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के साथ ही अन्य नेताओं के साथ बाबा की नोंकझोक कोई नई बात नहीं है। मगर जिस तरह से विगत साल दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन कर रहे बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के साथ पुलिसिया बर्ताव हुुआ उसके बाद तो बाबा का तेवर ही बदल गया। आज बाबा का सबसे बड़ी दुश्मन कांग्रेस है। ऐसे में बाबा का पूरा अभियान एक तरह से काले धन और भ्रष्टïाचार के मुद्ïदों के बहाने कांग्रेस विरोध में ही केंद्रित है। इसीलिए यह माना जा रहा है कि यूपी चुनाव में बाबा रामदेव की साख भी कसौटी पर है।
चुनाव के दौरान बाबा रामदेव यूपी में सक्रिय है। जगह-जगह उनकी सभाएं हो रही है। आमतौर पर अपनी सभाओं में वह किसी पार्टी का नाम नहीं लेते। मगर चुनाव की गरमागरम अंगीठी पर योग के साथ राजनीति का तड़का लगाने से भी बाज नहीं आते हैं। हाल ही में जब प्रियंका गांधी वाड्रा अपने बच्चों के साथ मंच पर गई तो प्रत्युत्तर में बाबा भी पांच बच्चों को लेकर मंच पर बैठाए। बाबा ने इस मुद्ïदे पर प्रियंका को आड़े हाथों भी लिया।
बाबा की सभाओं में सबकुछ देखने को मिल रहा है। काले धन पर खरी-खोटी के साथ ही कपाल भारती, अनुलोम-विलोम, आयुर्वेदिक उपचार ,चुटकुले और सियासी चुनौती भी। अब तक करीब दो दर्जन सभाएं उनकी यूपी की विभिन्न जगहों में हो चुकी है। हर जगह शरीर की तुलना देश से। बीमारी की जड़ भ्रष्टाचार। यूपी के नेता पिछड़ों की राजनीति के आदी हैं। उत्तर प्रदेश भगवान शिव, राम और कृष्ण की जन्मभूमि है। बाबा का गुस्सा राहुल गांधी के उस बयान पर भी है जिसमें उन्होंने यूपीवासियों को भिखमंगा कहा था। उत्तर प्रदेश को पिछड़ा कहने वालों को भी बाबा कोसने से बाज नहीं आते हैं। योग के गुण बताते हुए वे कृष्ण से होकर वोटिंग मशीन पर आ जाते हैं और कृष्ण ने उंगली पर गोवर्धन उठाया की चर्चा भी शिद्ïदत से करते हैं। मतदान के दिन बटन सोच समझकर दबाइए का खास अपील भी बाबा अपने अंदाज में करते हैँ। चेताते भी है कि लुटेरों को मत चुनिए...फिर आहिस्ते से राजनीति के गलियादे से होकर योग का रुख कर लेते हैं। रामदेव का कहना है कि वह तो देश के सबसे ताकतवर लोगों से पंगा ले रहे हैं,फिर भी कोई तनाव नहीं है। सही को वोट दीजिए पर योग भी कीजिए।
मंच से उतरते ही मीडिया के घेरे में भी बाबा आ जाते हैँ। बाबा दुगनी ऊर्जा से मुखातिब होकर कहते हैं कि कसी के विरोध या पैरवी में नहीं निकला हूं। 121 करोड़ लोगों की बात कर रहा हूं। इंटरनेशनल फकीर हूं। दो सौ देशों में गया। देश का मान बढ़ाया। बाबा की इन बातों से उनके भक्त भाव विभोर हो जाते हैं। तालियां गूंजने लगती है, जिंदाबाद के नार ेभी लगते हैं । बाबा इसे अपनी सबसे बड़ी सफलता मानते हैं। योग गुरु बाबा रामदेव ने  कहा  है कि केंद्र में सत्ताधारी कांग्रेस को अहंकार हो गया है और उसका यह अहंकार उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम आने के बाद टूट जाएगा। दिल्ली से सटे नोएडा में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अहंकार हो गया है और यह ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की हालत बिहार से भी खराब होगी।
रामदेव ने कहा कि कांग्रेस ने शुरू से ही देश को केवल धोखा देने का काम किया है। चुनाव के दौरान उसके मंत्री संवैधानिक संस्थाओं को लगातार चुनौती दे रहे हैं। उनके राजकुमार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे साबित होता है कि उनमें अहंकार बहुत अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ क्रांति के बुलबुले उठ रहे हैं और जनता में आक्रोश है। जनता का यह आक्रोश बढ़े हुए मतदान प्रतिशत के रूप में सामने आ रहा है। रामदेव ने कहा है कि कांग्रेस रामलीला मैदान में हुए अत्याचार पर नहीं रोती, उसे देशभक्तों के मरने का दुख नहीं है लेकिन उनकी मुखिया आतंकवादियों की लाश देखकर जरूर रोती हैं। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए रामदेव ने कहा कि मध्य प्रदेश का कचरा यहां आकर वातावरण को दूषित कर रहा है। पहले गुरु में अहंकार की भावना थी लेकिन अब चेले में भी हो गयी है। प्रियंका गांधी भी बाबा के निशाने पर रहती है। बाबा कहते हैं कि अब तो बेटी भी बाबा को कोसने लगी है। मगर इन सबके बावजूद बाबा यूपी के मतदाताओं को कितना और किस हद तक प्रभावित कर पाए हैं यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।

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