Monday, February 13, 2012

साहब सलमान इतने नादान नहीं है मुसलमान

राकेश प्रवीर
बटला हाउस मुठभेड़ कांड पर आजमगढ़ में दिए गए केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान से कांग्रेस अभी उबरी भी नहीं थी कि मुस्लिम आरक्षण को लेकर की जार रही उनकी बयानबाजी ने एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है। चुनाव आयोग के सख्त रवैये और इस बाबत राष्टï्रपति को पत्र लिख कर निर्णायक कार्रवाई की मांग के बाद तो केन्द्र सरकार की मुश्किलें भी बढ़ गई। यह दीगर है कि सलमान खुर्शीद ने इस बाबत प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह से टेलीफोन पर बातें की है, मगर इस पूरे प्रकरण में जहां आरएसएस को कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिला है वहीं भाजपा सहित अन्य विपक्षी दल भी कांग्रेस को घेरने में जुट गए हैं। इससे कांग्रेस के साथ ही केन्द्र सरकार की मुश्किल भी गहराती जा रही है।
विपक्ष के साथ-साथ कांग्रेस के सहयोगी भी इससे खफा हैं। इस मुद्ïदे पर चारों तरफ से घिरी कांग्रेस पर अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस ने भी हमला बोल दिया है। खुर्शीद की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए आरएसएस ने कहा है कि जिहादी आतंकवादियों के लिए सोनिया गांधी के आंसू अब मुसलमानों को पिघला नहीं पाएंगे। गौरतलब है कि आजमगढ़ की एक सभा में सलमान खुर्शीद ने कहा था कि बटला हाउस मुठभेड़ की तस्वीरें देख कर सोनिया गांधी की आंखों में आंसू आ गए थे। आरएसएस मुखपत्र पांचजन्य के संपादकीय में कहा गया है कि कानून मंत्री ने आजमगढ़ की एक सभा में सोनिया गांधी के आंसुओं का सहारा लेते हुए कहा है कि बटला हाउस कांड की तस्वीरें देखकर सोनिया रो पड़ी थीं। यानी मुठभेड़ में मारे गए मुस्लिम युवकों के लिए सोनिया गांधी की संवेदनाएं फूट पड़ीं। कांग्रेस चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं से सोनिया गांधी के आंसुओं की कीमत वोट के रूप में वसूलना चाहती है। कांग्रेस जानती है कि उत्तर प्रदेश में उसका मज़हबी आरक्षण का पत्ता पिट गया है। ऐसे में पार्टी नेता बेचैन हैं कि मुसलमानों को बरगलाने के लिए और क्या तरीके अपनाए जाएं। खुर्शीद का बयान उसी रणनीति का एक हिस्सा है। आरएसएस ने कहा है कि यूपी के मुसलमान इतने नादान नहीं हैं कि वे इनकी चालबाजियों को नहीं समझें। ये आंसू शायद ही उन्हें पिघला पाएं।
कांग्रेस की मुस्लिम परस्त राजनीति की आलोचना करते हुए संघ ने कहा है कि वोट और सत्ता के लिए कोई पार्टी इतनी गिर सकती है कि एक ओर तो वह मुस्लिम संवेदनाओं को खंरोचने में लगी है, जबकि दूसरी ओर देश के लिए गंभीर खतरा बन गए जिहादी आतंकवाद की सचाई से मुंह फेर रही है। आतंकवादियों द्वारा की जा रही हत्याओं का शिकार हुए हजारों निर्दोष नागरिकों और इससे निपटने में अपनी जान की बाजी लगा रहे देशभक्त जाबांज जवानों के लिए उसकी आंखे कभी नम नहीं होतीं। सोनिया के साथ ही प्रधानमंत्री को भी आड़े हाथ लेते हुए पांचजन्य में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में गिरफ्तार डॉ. हनीफ की चिंता में प्रधानमंत्री को रात भर नींद नहीं आती, लेकिन जिहादी आतंकदियों से लड़ते समय शहीद हुए दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारी मोहन चंद्र शर्मा के लिए संवेदना का एक शब्द भी न तो प्रधानमंत्री के पास है और न सोनिया गांधी और उनके दिग्विजय सिंह तथा सलमान खुर्शीद जैसे सिपहसालारों के पास। वहीं दूसरी ओर अब भाजपा भी खुर्शीद के बयान को चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना और अवमानना से जोड़कर हमलावर हो गयी है। रविवार को उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार में आए भाजपा के वरिष्ठï नेता व पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने खुर्शीद मसले पर केन्द्र की कांग्रेस सरकार को जमकर कोसा। आडवाणी ने साफ शब्दों में कहा कि इसके पहले कभी इस तरह से चुनाव आयोग का माखौल नहीं उड़ाया गया था। उन्हें कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुद्ïदे पर जवाब देना चाहिए और ऐसे मंत्री को अविलम्ब बर्खास्त करना चाहिए जो खुले तौर पर संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग की अवहेलना और अवमानना कर रहा है। लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने भी सलामान खुर्शीद के बार-बार के बयानोंं को आपत्तिजनक ठहराते हुए मांग की कि प्रधानमंत्री को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए। भारतीय भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने केंद्रीय कानून एवं अल्पसंख्यक मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान और उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग की ओर से राष्ट्रपति को भेजे पत्र प्रकरण पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं प्रधानमंत्री मनमोहन ङ्क्षसह की चुप्पी पर हैरानी जताते हुए सोमवार को कहा कि यह विषय गंभीर है और इससे संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है। श्री प्रसाद ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं का मखौल उड़ाने में कांग्रेस के मंत्री माहिर हैं। उन्होंने कहा कि किसी वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ पहली बार चुनाव आयोग ने इतनी तीखी टिप्पणी की है। देश की जनता खुर्शीद प्रकरण पर ईमानदार एवं प्रभावी कदम की आशा कर रही है। 2009 के संसद के चुनाव के पहले कांग्रेस सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग बनाने की घोषणा की थी लेकिन चुनाव आयोग ने रोक लगा दी थी।  विधानसभा चुनावों की घोषणा के पूर्व मुसलमानों को 4.5 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर कांग्रेस ने मुसलमान मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की भरपूर कोशिश की लेकिन इस पर भी न्यायालय ने रोक लगा दी। श्री प्रसाद ने कहा कि लगता है कि देश की पूरी सियासत मुसलमानों के लिए हो गयी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सियासत में क्या हो रहा है समझ से परे है। तुष्टीकरण के नाम पर वोटों के लिए असंवैधानिक काम किया जा रहा है जो सरासर गलत है।

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