Monday, February 27, 2012

बिहार में प्रेस स्वतंत्रता उल्लंघन पर जांच टीम गठित


भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) अध्यक्ष मार्केंडेय काटजू ने बिहार में प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन की शिकायतों पर गौर करने के लिए सोमवार को तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया। काटजू ने यहां एक बयान में कहा कि राजीव रंजन नाग की अध्यक्षता में टीम प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन की शिकायतों के सभी पहलुओं की जांच करेगी। उन्होंने कहा कि टीम को इस मुद्दे की... गहन जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। बयान में कहा गया है कि टीम को राज्य सरकार के साथ ही सभी लोगों और संगठनों के विचार पर गौर करना चाहिए। इस संबंध में राज्य सरकार से टीम को पूरा सहयोग करने के लिए अनुरोध किया गया है। काटजू ने कहा कि पिछले हफ्ते उनकी पटना यात्रा के दौरान उन्हें कई शिकायतें मिलीं कि बिहार में पत्रकारों को अपने कर्तव्य का पालन करने तथा निष्पक्ष रिपोर्ट देने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उन्हें शिकायतें मिलीं कि पत्रकार भय के कारण अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर पाते और अगर वह ऐसा करते हैं तो उनकी नौकरी चली जाने या स्थानांतरण का खतरा बना रहता है। उन्हें अन्य तरीके से भी परेशान किया जाता है क्योंकि अधिकारी मालिकों पर ऐसा करने के लिए दबाव बनाते हैं। काटजू ने कहा कि सरकार, किसी मंत्री या अधिकारी के खिलाफ खबर प्रकाशित होने पर सरकारी विज्ञापन रद्द कर दिए जाते हैं। अगर यह सही है तो यह संविधान के अनुच्छेद 19(1)ए के तहत प्रेस की आजादी का उल्लंघन है। उन्होंने पिछले हफ्ते बिहार सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया था कि राज्य में सरकार के खिलाफ लिखे जाने पर मीडिया को परेशान किया जाता है। उन्होंने कहा था कि बिहार में मीडिया की स्थिति के बारे में उन्हें जो सूचना मिली है, वह अच्छी नहीं है।

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