Saturday, September 24, 2011

बच्चे पढ़ायेंगे पर्यावरण का पाठ


इसे देश की किशोर मेधा का गर्व ही कहेंगे कि पर्यावरण प्रोजेक्ट बनाने की देशव्यापी स्पर्धा में 13 छात्र सुने गए। बिहार के लिए भी यह गर्व  की बात है कि अकेले यहां से 10 बच्चे चुने गए हैं। इसमें भी पटना और बेतिया से पांच-पांच हैं। इन बच्चों ने जो प्रोजेक्ट बनाया है, उनमें से कुछ जैविक खेती पर जोर देते हैं। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के तहत पिछले मई में छात्रों से प्रोजेक्ट मांगा गया था। युवा वर्ग में पूरे देश से लखनऊ की युगरत्‍‌ना का चयन किया गया है, जो पिछले वर्ष बच्चों के ग्रुप में थी।
ये चयनित स्कूली बच्चे संयुक्त राष्ट्र द्वारा इण्डिोनेशिया के शहर बैंडंग में आयोजित होने वाले कांफ्रेंस में भाग लेंगे। यह कांफ्रेंस संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के तत्वावधान में 27 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक आयोजित किया जायेगा। तीन बच्चे आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से हैं। इसमें पटना के जिन 5 बच्चों का चयन किया गया है, उनमें से 4 डान बास्को एकेडमी के छात्र हैं। सभी बच्चे पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था तरुमित्र के तत्वावधान में इंडोनेशिया के लिए रविवार को रवाना हो जायेंगे।
तरुमित्र के निदेशक फादर राबर्ट अर्थिकल का कहना है कि राजधानी से जाने वाले बच्चों में चार डान बास्को एकेडमी के हैं तो एक संत डोमनिक सेवियो की छात्रा वर्षा है। बैंडंग के कांफ्रेंस में दुनियाभर के 1200 बच्चे भाग लेंगे। उनमें से 12 छात्र-छात्राओं की कमेटी बनेगी और उस कमेटी का अध्यक्ष संयुक्त राष्ट्र की सभा को संबोधित करेगा। यह सम्मेलन दो स्तर पर होगा। पहला स्तर बच्चों का होगा जिसमें 10 से 14 वर्ष के बच्चे भाग लेंगे। वहीं दूसरा स्तर युवाओं का होगा जिसमें 15 से 18 वर्ष के छात्र भाग लेंगे। राजधानी से जाने वाले छात्र सुष्मित एवं अरशद ने वर्मी कम्पोस्ट पर आधारित प्रोजेक्ट बनाया है। दोनों का कहना है कि प्रोजेक्ट के माध्यम से रासायनिक खादों के उपयोग से बंजर हो रही धरती को वर्मी कम्पोस्ट की मदद से बचाया जा सकता है। वहीं छात्रा वसुंधरा ने हरित अर्थव्यवस्था पर आधारित प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसमें टीकाऊ खेती पर जोर दिया गया है। वसुंधरा का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से धरती की हरियाली बहाल रखते हुए विकास की बात की जा सकती है।

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