Friday, September 23, 2011

आडवाणी कैसे पहुंचेंगे जेपी के गांव ?


छपरा शहर पार कर सिताबदियारा की ओर जाने पर रिविलगंज से सड़क की जो दुर्दशा शुरू होती है, वह जेपी के गांव तक समाप्त नहीं होती। अभी लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव (सिताबदियारा) में शायद ही कोई वाहन पहुंचे। ऐसे में यहां से लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा कैसे शुरू होगी, यह भाजपाइयों खातिर मंथन का बड़ा विषय है। एक मायने में बड़ी चुनौती भी है।
सारण के मांझी स्थित जयप्रभा सेतु पार करने के बाद उत्तरप्रदेश की सीमा में स्थित चांद दियारा से बीएसटी बांध पर बनी सड़क से होते हुए सिताबदियारा जाया जाता है। अठगांवा के पास पहुंचते ही करीब 10-20 फीट लंबा कटाव मिलता है। ऐसे कटाव जेपी के गांव तक कई जगहों पर मिलते हैं। फिलहाल इससे होकर किसी बड़े वाहन का गुजरना मुश्किल है। जेपी के अनुआईयों को इस सड़क की कभी सुघ नहीं आई। यह सड़क उत्तरप्रदेश सरकार की है। उत्तरप्रदेश में मायावती की सरकार है। उनका भाजपा विरोध छुपा नहीं है। यह सरकार आडवाणी की रथयात्रा के लिए क्या करेगी, इस इलाके में यह भी चर्चा का विषय है। हालांकि भाजपाइयों का दावा है कि रथयात्रा की तमाम बाधाओं (सड़क, कटाव) को समाप्त किया जायेगा। हर हाल में गांव तक वाहन समेत पहुंचने की व्यवस्था की जायेगी। स्थानीय भाजपा विधायक व राज्य सरकार में श्रम संसाधन मंत्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल आडवाणी की यात्रा से पहले सिताबदियारा जाने वाले हैं। वे वहां की स्थिति का मुआयना करेंगे। फिर तैयारियों की शुरुआत होगी।
बहरहाल, सिताबदियारा के लोग यह सुनकर खुश हैं कि यहां से लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा शुरू हो रही है। 2003 के बाद यह पहला मौका है, जब देश के बड़े नेता इस गांव में जुटेंगे। चंद्रशेखर (पूर्व प्रधानमंत्री) अपने जीवनकाल में यहां हर वर्ष जेपी जयंती समारोह आयोजित कराते थे। उस दौरान गांव में बड़े नेता आते थे। गांव वाले इस बात से भी खुश हैं कि वे नये सिरे से नेताओं को सरयू में विलीन होते अपने खेतों तथा जीवन से जुड़े तमाम तरह के दर्द और परेशानियों को सुना सकेंगे। एक और बड़ी आकांक्षा है। नेताओं के जमावड़े के बहाने उत्तरप्रदेश के बीएसटी बांध पर बनी एकमात्र सड़क के जर्जर हालत के सुधरने की। गांव वालों का मानना है कि श्री आडवाणी उसी क्रांति मैदान से अपनी रथयात्रा शुरू करेंगे, जहां से जयप्रकाश नारायण ने 1974 में 'जनेऊ तोड़ो आंदोलन' का बिगुल फूंका था।

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