Monday, September 19, 2011

मोदी के खिलाफ खुलकर आया जदयू


राजग की सहयोगी पार्टी जदयू अब नरेन्द्र मोदी के खिलाफ खुलकर खड़ी हो गई है। जदयू प्रवक्ता शिवानंद तिवारी समेत कई नेताओं ने जमकर भड़ास निकाली। शिवानंद ने मोदी को राजधर्म पालन की सीख देने के साथ ही उन्हें पीएम पद के प्रत्याशी के रूप में पेश किए जाने की कोशिशों को सिरे से नकारते हुए कहा, राजग प्रत्याशी के तौर पर वह हमें मंजूर नहीं।
इतना ही नहीं, नीतीश का नाम उछालने के साथ उन्हें मोदी से ज्यादा बेहतर भी बता डाला। यह अलग बात है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोदी के उपवास पर कुछ भी कहने से बचते रहे हैं। टीवी कैमरों के सामने नीतीश हाथ जोड़ कर मोदी पर टिप्पणी करने से किनारा कर गए थे। जबकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने मोदी के उपवास पर चुटकी लेते हुए कहा था कि देश की 70-80 फीसदी जनता रोजाना आधे या पूरे दिन का उपवास करती है, लेकिन कोई चर्चा नहीं करता। वहीं, नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल भाजपा के सात मंत्रियों ने अहमदाबाद जाकर मोदी का समर्थन किया। विदेश यात्रा पर रहने के कारण सुशील कुमार मोदी की टिप्पणी नहीं मिल सकी।
जदयू के सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने 2014 के लोस चुनाव के लिए मोदी को प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर पेश करने की कोशिशों को खारिज करते हुए कहा, राजग के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर मोदी हमें कतई स्वीकार नहीं। वह भाजपा के प्रत्याशी हो सकते हैं, राजग के नहीं। तिवारी ने कहा, मोदी गुजरात में 2002 में हुए राज्यव्यापी दंगों में राजधर्म का निर्वाह करने में नाकाम रहे। जो व्यक्ति छह करोड़ लोगों के साथ राजधर्म का सही ढंग से निर्वाहन करने में विफल रहा, वह देश की 120 करोड़ जनता के साथ इसका निर्वाहन कैसे करेगा।
पार्टी के एक अन्य सांसद अली अनवर ने कहा, मोदी भाजपा का चेहरा हो सकते हैं, लेकिन राजग के नहीं। पार्टी की बिहार इकाई के मुखिया वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी की ऊम्मीदवारी का विरोध किया। उन्होंने कहा, इस मामले में नीतीश कुमार सबसे आगे हैं। विकास, शांति और बदलाव के मुद्दों पर नीतीश को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्यता हासिल है। उनके विकास माडल की देश और उसके बाहर चर्चा हो रही है। एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, मोदी के सद्भावना उपवास से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नहीं भाजपा का आयोजन है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पार्टी की बिहार इकाई नीतीश कुमार की अनुमति के बिना एक कदम नहीं बढ़ाती। नेताओं ने मोदी के खिलाफ बोलना शुरू किया है तो इसका सीधा अर्थ है कि उन्हें नीतीश का आशीर्वाद हासिल है। वहीं, नीतीश की कैबिनेट के भाजपा के सात मंत्रियों ने अहमदाबाद जाकर मोदी का समर्थन किया। बिहार में भाजपा के सबसे वरिष्ठ मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने तो यहां तक कह डाला कि गुजरात के विकास मॉडल से बिहार ने भी बहुत कुछ सीखा है। बावजूद इसके कि गुजरात मॉडल की चर्चा तक नीतीश को चिढ़ाती है। साथ ही उन्होंने मोदी के हाथ में देश के भविष्य को सुरक्षित रखने की बात कर प्रधानमंत्री के रूप में उनकी दावेदारी पर भी मुहर लगाई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. सी पी ठाकुर का मानना है कि जदयू को समय का इंतजार करना चाहिए।

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