Tuesday, September 17, 2013

भाजपा कांग्रेस पर भारी

अब यह स्पष्ट हो गया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष-2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी होंगे, इसलिए अधिकाँश लोगों की नज़र अब कांग्रेस हाईकमान की ओर टिक गई है, कि कांग्रेस नरेंद्र मोदी के मुकाबले किसे उतारेगी? हालांकि, अधिकाँश लोगों का यही मानना है कि कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ही प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी होंगे। समय-समय पर कांग्रेस की ओर से ऐसे बयान भी आते रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए आदर्श प्रत्याशी बताया था, इस सब के बावजूद सवाल यह उठता है कि नरेंद्र मोदी के मुकाबले राहुल गांधी टिक पायेंगे या नहीं?
यूपीए सरकार की मुखिया कांग्रेस के सामने कई चुनौतियाँ हैं। सब से पहले तो वह लगातार सत्ता में है। लगातार सत्ता में रहने वाले दल के विरुद्ध राजनैतिक वातावरण का होना स्वाभाविक ही है, इसके अलावा पिछले दिनों में बहुत कुछ ऐसा भी हुआ है, कि जिससे आम आदमी सीधे प्रभावित हो रहा है। आतंकवाद एक बड़ी समस्या है। कांग्रेस को लेकर आम धारणा बन चुकी है कि कांग्रेस आतंकवाद को पूरी तरह कभी ख़त्म नहीं कर पायेगी। सीमा पर चीन और पाकिस्तान की हरकतों को लेकर भी आम आदमी के अंदर गुस्सा है। भ्रष्टाचार और महंगाई को लेकर समाज का हर वर्ग त्रस्त है, साथ ही, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों की बयानबाजी ने आग में घी डालने जैसा ही काम किया है। कुल मिलाकर आम जनमानस कांग्रेस के पक्ष में नहीं है, लेकिन चुनाव की नीति अलग होती है, इसलिए नाराजगी का चुनाव से बहुत अधिक लेना-देना नहीं रहेगा। इसके विपरीत भाजपा के साथ यही सब बातें फिलहाल सकारात्मक हैं। भाजपा लंबे अर्से से सत्ता में नहीं है। हिंदुत्व को चुनाव में मुददा बनायेगी और हिंदुत्व के ब्रांड बन चुके नरेंद्र मोदी को प्रत्याशी बना ही चुकी है। यूपीए सरकार की गलतियों के अलावा  भाजपा भावनात्मक रूप से भी आम जनमानस के अधिक करीब है, इसलिए हाल-फिलहाल भाजपा पूरी तरह से कांग्रेस पर भारी है, ऐसा अलग-अलग हुए सर्वे में भी साफ़ हो चुका है, इसके बावजूद कांग्रेस के पास अब भी भाजपा को मात देने का विकल्प है।

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