Monday, March 26, 2012

तिब्बत की पीड़ा: कोई तो सुध ले

 चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ के भारत दौरे के विरोध में तिब्बती युवक ने यहां जंतर-मंतर पर खुद को आग के हवाले कर दिया। 80 फीसदी झुलस चुके इस युवक को डॉ.राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।
हू जिंताओ पांच देशों के समूह 'ब्रिक्स' के शिखर सम्मेलन में शामिल होने गुरुवार को दिल्ली आ रहे हैं। इसको लेकर तिब्बती संगठनों ने विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है। यह प्रदर्शन तीन दिनों तक चलेगा। इसके तहत सोमवार को यूथ तिब्बतियन कांग्रेस द्वारा रामलीला मैदान से जंतर-मंतर तक रैली निकाली गई। रैली के बाद जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन चल रहा था। यूथ तिब्बतियन कांग्रेस के एक सदस्य दोरजी के अनुसार, दोपहर 12.20 बजे के करीब जामयांग येशी नामक युवक ने जदयू दफ्तर के बाहर पहले अपने ऊपर तेल उड़ेल लिया। कुछ मिनट बाद वह आग लगाकर भीड़ में घुस गया। किसी तरह आग बुझाया गया और उसे अस्पताल ले जाया गया। जामयांग येशी पिछले पांच साल से दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहा है।
दोरजी ने बताया कि तिब्बत की आजादी को लेकर दिल्ली में आत्मदाह की कोशिश की यह तीसरी घटना है। इसके पहले वर्ष 1994 में एक युवक ने ऐसा ही किया था। पिछले महीने भी एक युवक ने खुद को आग लगा ली थी। दोरजी ने बताया कि तिब्बत में 30 लोग आत्मदाह की कोशिश कर चुके हैं। इनमें 22 लोगों की मौत हो चुकी है। तिब्बत के लोग सदमे में है, वहां हर तरफ पुलिस व सेना के पहरे में लोग जी रहे हैं।

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