Sunday, March 25, 2012

अंशुमन के दावे और भाजपा की राजनीति

झारखंड से राज्यसभा का चुनाव लड़ने से पीछे हटे अंशुमान मिश्रा ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कई सनसनीखेज दावे किए हैं। मिश्रा ने बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी, अरुण जेटली और यशवंत सिन्हा जैसे नेताओं की तीखी आलोचना करते हुए चेतावनी दी है कि वह सबकी पोल खोल देंगे। अंशुमान के ताज़ा बयानों के बाद बीजेपी ने अंशुमान के दावों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा है, 'अंशुमान को राज्यसभा चुनाव में समर्थन नहीं दिया गया, इसलिए बयानबाजी कर रहे हैं। जरूरत समझी गई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।' इससे पहले एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मिश्रा ने कहा कि बीजेपी के कई नेता मुझसे डरते हैं, इसलिए वे मुझे पार्टी में नहीं आने देना चाहते हैं। अंशुमान ने यह भी कहा, 'मुरली मनोहर जोशी ने 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के आरोपियों विनोद गोयनका और शाहिद बलवा से मेरी मौजूदगी में मुलाकात की थी और पार्टी को फंड देने को कहा था। अंशुमान ने कहा कि जोशी ने निजी हित के लिए बल्कि पार्टी के लिए फंड मांगा था। 2 जी स्पेक्ट्रम की जांच कर रही लोकलेखा समिति के अध्यक्ष जोशी विनोद गोयनका और शाहिद बलवा के दोस्त हैं। '  मिश्रा के मुताबिक, 'जोशी ने मुझसे कहा था कि मैं पूरे मामले को समझना चाहता हूं, इसलिए 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के कुछ आरोपियों से मिलना चाहता हूं।'  मिश्रा ने दावा किया कि विनोद गोयनका और शाहिद बलवा 2000 से 2012 तक बीजेपी को सहयोग करते रहे हैं। मिश्रा ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने मित्रों से भी बीजेपी को फंड दिलवाया है और खुद भी ऐसा किया है। मिश्रा का दावा है कि विनोद गोयनका, कुमार मंगलम बिड़ला, अब्दुल कलाम उनके दोस्त हैं। अंशुमान ने कहा, ' अगर डॉ. मुरली मनोहर जोशी की फोन कॉल डिटेल निकलवाई जाए तो मैं उनके कितने करीब रहा हूं, यह साफ हो जाएगा। जोशी से मेरी मुलाकात अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी, जहां उन्हें मेरे अंदर स्वामी विवेकानंद की झलक दिखी थी। लेकिन आज मैं बुरा आदमी हो गया हूं।' अंशुमान ने कहा कि जितना कानून अरुण जेटली जानते हैं, उतना ही कानून मैं भी जानता हूं। मिश्र ने कहा कि अरुण जेटली लंदन में मेरे यहां आते हैं। साथ मैच देखते हैं। उनके कई ऐसे लोगों से संबंध हैं जिन पर घोटालों के आरोप लग चुके हैं। उन्होंने कहा, 'चूंकि मैं पढ़ा-लिखा युवा  हूं, मेरे पास चार पैसे हैं इसलिए कई लोग मेरे राजनीति में आने से डरते हैं। लोग मेरे खिलाफ मीडिया में कैंपेन चलवा रहे हैं। मैं स्वच्छ राजनीति करना चाहता हूं।' अंशुमान ने दावा करते हुए कहा, 'बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजने की पेशकश की थी। लेकिन मैंने कहा चूंकि यहां राज्यसभा की एक ही सीट पर जीता जा सकता है, इसलिए मैंने झारखंड का चुनाव किया। मुझे लगता था कि जो कार्यकर्ता समर्पित होकर काम कर रहा है, उसका हक मारा जाए, यह अच्छा नहीं है।' अंशुमान ने खुलासा किया कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने मुझसे कहा था अगर आप झारखंड में 10-12 वोट का इंतजाम कर सकें तो आप वहां से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, अंशुमान ने किसी नेता का नाम नहीं लिया।
मिश्रा ने ललित मोदी पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'ललित मोदी सुषमा स्वराज को आईपीएल के मैच दिखाने ले गए। मैंने ललित मोदी के साथ दो मैच देखे हैं। वे लंदन में रहते हैं। मैं उनसे वहां कभी नहीं मिला।'
उन्होंने साफ किया कि भले ही उन्हें भले ही उन्हें राज्यसभा चुनाव से पैर पीछे खींचने पड़े हैं, लेकिन इस बात ने जनता के बीच जाकर राजनीति करने का आधार तैयार कर दिया है। अमर सिंह के बारे अंशुमान मिश्रा ने कहा कि वह इतिहास हो चुके हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सलाहकार बृजेश मिश्रा से कोई लेना-देना नहीं है। बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा के जबर्दस्त विरोध के बाद राज्यसभा चुनाव में झारखंड से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी अंशुमान मिश्रा अपना नाम वापस ले चुके हैं। उनके नाम का प्रस्ताव रघुवर दास, उमाशंकर अकेला, अमित यादव, सत्यानंद बाटुल, बिमला प्रधान, सुधा चौधरी, चंद्रप्रकाश चौधरी, उमाकांत रजक, हरेकृष्ण सिंह ने किया था।
अंशुमान के आरोप बेबुनियाद : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी पर प्रवासी भारतीय कारोबारी अंशुमान मिश्रा द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया और कहा कि ये आरोप संसदीय समिति की छवि खराब करने के प्रयास हैं। अंशुमान का आरोप है कि जोशी ने उनसे 2जी घोटाले में संलिप्त आरोपी कारोबारियों के साथ मुलाकात कराने के लिए कहा था। भाजपा के राज्यसभा के सदस्य तरुण विजय ने कहा, "ये आरोप आधारहीन हैं। पीएसी की छवि खराब करने के लिए ये आरोप लगाए गए हैं। वास्तव में, 2जी घोटाला मामले को भाजपा ने सबसे पहले उठाया और पार्टी की वजह से पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा जेल में हैं।"

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