Saturday, October 8, 2011

एएमयू वीसी पर धोखाधड़ी का आरोप



 

 किशनगंज में एएमयू (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) के आफ कैंपस सेंटर के लिए जमीन को ले विवाद पर राज्य सरकार आक्रामक मुद्रा में है। मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही ने एएमयू के कुलपति प्रो.पीके अब्दुल अजीज पर राजनीति करने व सरकार के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप जड़ते हुए भूमि प्रकरण में उनकी भूमिका की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वे जल्द केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से भी मिलने वाले हैं।
श्री शाही ने पटना में बताया कि कुलपति ने भारत सरकार की स्वीकृति प्राप्त किये बिना एएमयू सेंटर के लिए जमीन वास्ते सरकार को प्रस्ताव दिया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रस्ताव को 13 दिनों के अंदर कैबिनेट ने स्वीकृति दी। उसके बाद सरकार ने कोचाधामन में 243 एकड़ जमीन भी चिह्नित किया जिस पर कुलपति ने अपनी रजामंदी भी दे दी। जब एकरारनामा करने को कहा गया तो वे पलट गये और दूसरी जमीन देने की मांग करने लगे,वो जमीन जो भूदान में दी हुई है और जिसका 70 फीसदी हिस्सा अफजल हुसैन के अवैध कब्जे में है। श्री हुसैन उक्त जमीन का दान नहीं कर रहे उसका मुआवजा चाहते हैं। सरकार ने 30 सितंबर 2011 को कुलपति को एक पत्र लिख कर सारा विवरण दिया है मगर उसका कुलपति ने अब तक जवाब नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि एएमयू के कुलपति प्रो.अजीज का कार्यकाल जनवरी 2012 में समाप्त हो रहा है, उनके खिलाफ कई आरोपों की सीबीआई जांच हो रही है। एएमयू के विजिटर (राष्ट्रपति) ने कुलपति के स्तर से नियुक्ति के अधिकार पर रोक लगा रखी है। लिहाजा किशनगंज जमीन मामले में कुलपति की संदेहास्पद भूमिका भी सीबीआई जांच का बिन्दु होना चाहिए। इसी मकसद से वे केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री से मिलना चाहते हैं। यह भी जानने की कोशिश की जायेगी कि बिहार में एएमयू सेंटर के लिए कुलपति ने विजिटर से स्वीकृति ले रखी है अथवा नहीं?

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