Tuesday, October 29, 2013

धमाकों के रांची से जुड़े तार

 पटना के गांधी मैदान में हुए धमाकों के रांची से जुड़े तार और मजबूत होते जा रहे हैं। सोमवार शाम पटना के गांधी मैदान थाने से रांची पहुंची पुलिस टीम ने बड़ा खुलासा किया। इनका कहना है कि रांची में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का स्लीपर सेल है। पटना में हुए बम धमाकों में भी इसी ने काम किया। रांची से 12 से अधिक आरोपी पटना गए और इन्होंने अलग-अलग टीमों के रूप में काम करते हुए धमाकों को अंजाम दिया। इसके बाद इनमें से कुछ वापस आकर रांची और आसपास ही छुप गए हैं। हालांकि, टीम ने यह नहीं बताया कि यह जानकारी उन्हें गिरफ्तार हुए इम्तियाज से मिली है या किसी और से।
 पटना से आई पुलिस टीम में गांधी मैदान थाने के दो एसआई संजय कुमार पांडेय व गोपाल सिंह और तीन सिपाही शामिल हैं। इस टीम ने एनआईए के साथ मिलकर राजधानी के धुर्वा, डोरंडा, मनीटोला, कर्बला चौक, भुइयांटोली समेत कई इलाकों में ताबड़तोड़ छापे मारे। इस दौरान सोनू नामक एक युवक को हिरासत में लिया। कई लोगों से पूछताछ की। उधर, पटना में इम्तियाज को पकडऩे वाले जीआरपी के कांस्टेबल राम पुकार सिंह को 25 हजार रुपए इनाम दिए जाने की घोषणा की गई है। 
 उधर, बिहार पुलिस के एडीजीपी राजेश चंद्रा ने बताया कि आईएम के तहसीन उर्फ मोनू और वकास ने धमाके करवाए हैं। दोनों पर पहले से ही 10 लाख रुपए का इनाम घोषित है। पटना में गिरफ्तार इम्तियाज अंसारी ने एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को बताया कि उसके साथ छह-छह लोगों की तीन टीमें पटना पहुंची थीं। उनकी कोशिश दहशत फैलाकर भगदड़ मचाने की थी। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मौत हो जाए। पुलिस को 18 लोगों की तलाश है। इसके लिए पटना में सोमवार को 200 से अधिक होटलों को खंगाला गया।
  धमाकों के सिलसिले में इम्तियाज की गिरफ्तारी को अहम कड़ी माना जा रहा है। सीठिओ स्थित उसके घर में 30 कमरे हैं। इसमें उसका परिवार रहता है। वह छह भाइयों में पांचवें नंबर पर है। उसे छोड़ कर पांचो भाइयों ने शादी कर घर बसा लिया है। उसकी भाभी ने बताया कि शुक्रवार को इम्तियाज और तौफिक जमात (धर्म प्रचार) के लिए कोलकाता जाने के लिए घर से निकले थे। 

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