समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस से संभावित गठबंधन का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि चुनाव के बाद अगर भाजपा सत्ता में आने की स्थिति में दिखी तो वह कांग्रेस को समर्थन देंगे। वहीँ राहुल ने बुधवार को लखनऊ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के वादों की लिस्ट फाड़ी। चुनावी मंच पर लिस्ट फाड़ते हुए राहुल का कहना था कि कोई भी पार्टी वादे पूरी नहीं करती तो घोषणा पत्र का क्या काम। हम घोषणा पत्र नहीं बनाते बल्कि वादे पूरा करने में यकीन रखते हैं। यूपी में जारी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के दौरान सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के इस बयानसे सियासी माहौल गरमा गया। हालांकि मुलायम अब इस बयान से पलट गए हैं। उन्होंने कहा है कि केंद्र के लिए उन्होंने सपोर्ट देने की बात कही थी।
भाजपा ने मुलायम के इस बयान पर कांग्रेस और सपा दोनों पर निशाना साधा है वहीं कांग्रेस ने सफाई दी है। मुलायम ने हमीरपुर में चुनावी रैली के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'चुनाव बाद यदि किसी सूरत में भाजपा और कांग्रेस में चुनाव करना पड़े तो सांप्रदायिक तत्वों को सत्ता से बाहर रखने के लिए उनकी पार्टी कांग्रेस का समर्थन कर सकती है।' सपा मुखिया के इस चौंकाने वाले बयान पर कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि गठबंधन के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह समेत तमाम कांग्रेसी नेताओं ने साफ किया है कि उनकी पार्टी का यूपी में सरकार बनाने के लिए न तो किसी पार्टी से पहले से गठबंधन है और न ही भविष्य में होगा। वहीँ भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने मुलायम सिंह के बयान पर कहा कि यूपी की जनता जानती है कि कांग्रेस और सपा एक-दूसरे के बहुत नजदीकी हैं। उन्होंने कहा, 'दोनों पार्टियां नाटक कर रही हैं। इनका चुनाव से पहले ही अंदरूनी गठबंधन हो गया है।'
राहुल द्वारा फाड़े गए वादों की लिस्ट में सपा के अलावा कई अन्य पार्टियों के वादों की लिस्ट भी शामिल थी। राहुल गांधी के इस कारनामे का सभी दलों ने विरोध दर्ज कराया। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि राहुल पहले शिष्टाचार सीख लें, राहुल चुनावी सभाओं में सिर्फ ढोंग कर रहे हैं। इसके पहले यादव ने हमीरपुर जिले की हमीरपुर सदर तथा राठ सीट से सपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभाओं में कहा कि प्रदेश में सपा की लहर चल रही है और वह चुनाव के बाद राज्य में अपने बलबूते पर सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद अगर भाजपा सत्ता में आने की स्थिति में दिखी तो वह कांग्रेस को समर्थन देंगे। कई चुनाव सर्वेक्षणों में उभरी सियासी सूरत के मद्देनजर चुनाव के बाद सपा और कांग्रेस के गठबंधन की संभावना संबंधी अटकलों के बीच यादव का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यादव ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि अब ज्यादा समय नहीं बचा है। मतदाता तैयार हैं, वे बस उन्हें घर से निकालकर मतदान केंद्र तक ले जाने का काम करें और जनसंपर्क बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को सपा की नीतियों से अवगत कराएं। उन्होंने दोहराया कि चुनाव के बाद प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर गुंडागर्दी खत्म हो जाएगी और हर माफिया को जेल भेजा जाएगा।
भाजपा ने मुलायम के इस बयान पर कांग्रेस और सपा दोनों पर निशाना साधा है वहीं कांग्रेस ने सफाई दी है। मुलायम ने हमीरपुर में चुनावी रैली के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'चुनाव बाद यदि किसी सूरत में भाजपा और कांग्रेस में चुनाव करना पड़े तो सांप्रदायिक तत्वों को सत्ता से बाहर रखने के लिए उनकी पार्टी कांग्रेस का समर्थन कर सकती है।' सपा मुखिया के इस चौंकाने वाले बयान पर कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि गठबंधन के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह समेत तमाम कांग्रेसी नेताओं ने साफ किया है कि उनकी पार्टी का यूपी में सरकार बनाने के लिए न तो किसी पार्टी से पहले से गठबंधन है और न ही भविष्य में होगा। वहीँ भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने मुलायम सिंह के बयान पर कहा कि यूपी की जनता जानती है कि कांग्रेस और सपा एक-दूसरे के बहुत नजदीकी हैं। उन्होंने कहा, 'दोनों पार्टियां नाटक कर रही हैं। इनका चुनाव से पहले ही अंदरूनी गठबंधन हो गया है।'
राहुल द्वारा फाड़े गए वादों की लिस्ट में सपा के अलावा कई अन्य पार्टियों के वादों की लिस्ट भी शामिल थी। राहुल गांधी के इस कारनामे का सभी दलों ने विरोध दर्ज कराया। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि राहुल पहले शिष्टाचार सीख लें, राहुल चुनावी सभाओं में सिर्फ ढोंग कर रहे हैं। इसके पहले यादव ने हमीरपुर जिले की हमीरपुर सदर तथा राठ सीट से सपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभाओं में कहा कि प्रदेश में सपा की लहर चल रही है और वह चुनाव के बाद राज्य में अपने बलबूते पर सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद अगर भाजपा सत्ता में आने की स्थिति में दिखी तो वह कांग्रेस को समर्थन देंगे। कई चुनाव सर्वेक्षणों में उभरी सियासी सूरत के मद्देनजर चुनाव के बाद सपा और कांग्रेस के गठबंधन की संभावना संबंधी अटकलों के बीच यादव का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यादव ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि अब ज्यादा समय नहीं बचा है। मतदाता तैयार हैं, वे बस उन्हें घर से निकालकर मतदान केंद्र तक ले जाने का काम करें और जनसंपर्क बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को सपा की नीतियों से अवगत कराएं। उन्होंने दोहराया कि चुनाव के बाद प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर गुंडागर्दी खत्म हो जाएगी और हर माफिया को जेल भेजा जाएगा।
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