- राकेश प्रवीर
करीब महीने भर पहले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी से की गई पिछड़े मुस्लिम समाज की शकीरा की फरियाद चुनावी शोर में अनसुनी रह गई। उम्मीद और भरोसे के साथ करीब एक महीने पहले बहराइच के कैसरगंज निवासी मो. रेहान की बीबी शकीरा खातून ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को एक पत्र लिख कर मसौली फसाद की पीड़ा बयां की थी। न्याय की उम्मीद के साथ करीब छह वर्ष पुरानी घटना मगर ताजे जख्मों के अहसास के साथ सीबीआई जांच और पीडि़तों को वाजिब मुआवजे की गुहार भी लगाई थी। उक्त पत्र में शकीरा ने कांग्रेस के कद्ïदावर नेता व सांसद बेनी प्रसाद वर्मा और उनके पुत्र राकेश वर्मा पर यह आरोप लगाया है कि उन दोनों के उकसावे पर ही उक्त फसाद की मसौली में शुरुआत हुई थी जिसमें फसादियों ने उसके पति के साथ न केवल लूटपाट की बल्कि दरिंदगी के हद तक मारा पीटा भी। उसके बाद से वह जीवन-मौत से जूझ रहा था। शकीरा में वोटबैंक बनने की हैसियत नहीं थी, सो कोई उसके शौहर के इलाज में मदद के लिए आगे नहीं आया।
शकीरा का आरोप रहा कि इस घटना के बाद बेनी प्रसाद वर्मा और उनके बेटे के दबदबे के कारण जहां स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की वहीं पीडि़तों को कोई सहायता भी नहीं मिली जबकि इस घटना में सआदतगंज बैराज के नजदीक फसादियों ने बस से बाहर निकाल कर हाफिज अबुतल्लाह अंसारी की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस समुदाय के अन्य कई लोगों के साथ भी मारपीट और लूटपाट की गई थी।
शकीरा ने राहुल गांधी को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया है कि अफवाह के जरिए क्षेत्र के दबंग नेता बेनी प्रसाद वर्मा और उनके पुत्र राकेश वर्मा ने फसाद भड़काया और बसों को रोक-रोक कर मुस्लिमों के साथ मारपीट और लूटपाट की गई। यह सब एक साजिश के तहत किया गया। बेनी प्रसाद वर्मा के करीबी भाजपा की राज लक्ष्मी वर्मा को रामनगर विधान सभा क्षेत्र से राजनीतिक लाभ दिलाने के लिए फसाद कराए गए थे। शकीरा के अनुसार तब बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा को निर्दलीय मुस्लिम प्रत्याशी महफूज किदवई से कड़ी टक्कर मिली थी। इसी की प्रतिक्रिया में सोची-समझी साजिश के तहत फसाद कराए गए थे। इसी साल 12 जनवरी को लिखे अपने पत्र में शकीरा ने राहुल गांधी से गुहार लगाई है कि आप उक्त घटना की सीबीआई जांच कराएं और पीडि़तों को न्याय दिलाएं। साथ ही उसके पति और परिवार की आर्थिक मदद भी की जाए। निष्पक्ष जांच के लिए बेनी प्रसाद वर्मा और उनके पुत्र राकेश वर्मा को कांग्रेस से निकाला जाए। मगर अफसोस, अब तक इस दिशा में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। पिछड़े मुस्लिम समुदाय की शकीरा की आवाज चुनावी शोर में दब कर रह गई है।
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