प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से स्पष्ट कहा कि हाफिज सईद और मुंबई आतंकी हमले के अन्य साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के आकलन का यही महत्वपूर्ण बिन्दु होगा। प्रधानमंत्री के रेस कोर्स रोड स्थित आवास पर जरदारी के साथ उनकी 40 मिनट अकेले में हुई बैठक के दौरान आतंकवाद के बारे में प्रमुखता से चर्चा हुई। विदेश सचिव रंजन मथाई ने संवाददाताओं से कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद की समस्या पर चर्चा की, जो बड़ा मुद्दा है, जिसके आधार पर भारतीय जनता द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का आकलन करेगी। सिंह ने जरदारी से कहा कि मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई और पाकिस्तान की जमीन से भारत के खिलाफ हो रही गतिविधियों को रोकना अत्यंत आवश्यक है। मथाई ने बताया कि इस परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री ने हाफिज सईद की गतिविधियों का जिक्र किया। सईद के मुद्दे पर जरदारी ने कहा कि दोनों देशों की सरकारों को इस मामले पर आगे और बातचीत की आवश्यकता है। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के गृह सचिवों को जल्द मुलाकात करनी है और वे आगे इस मसले पर और चर्चा करेंगे। मथाई के मुताबिक जरदारी ने सर क्रीक, सियाचिन और कश्मीर सहित सभी मुद्दों के समाधान की आवश्यकता जतायी। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने महसूस किया कि कदम दर कदम हमें आगे बढने की आवश्यकता है। इससे पहले सिंह ने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करने वाले मुद्दों का व्यावहारिक समाधान खोजने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि मैंने और राष्ट्रपति जरदारी ने उन द्विपक्षीय मसलों पर विचारों का रचनात्मक एवं दोस्ताना ढंग से आदान प्रदान किया, जो भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को प्रभावित करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जरदारी की इस निजी यात्रा का उपयोग सभी द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा करने के लिए किया। उन्होंने कहा कि मैं जरदारी की इस यात्रा के नतीजे से काफी संतुष्ट हूं। प्रधानमंत्री ने व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तान की ओर से किये गये उपायों की सराहना की।
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