रिश्वतखोरी के एक मामले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम मंगलवार को पूर्वी चंपारण के सिकरहना अनुमंडल कार्यालय पहुंची। टीम ने पहले एसडीओ ज्ञानप्रकाश से उनके कार्यालय कक्ष में काफी देर तक पूछताछ की। इस दौरान उनके न्यायालय कार्य से जुड़ी कई संचिकाओं का अवलोकन किया। कार्यालय की आगत एवं निर्गत पंजी को देखा। एसडीओ के बाद इस कार्यालय से जुड़े इस मामले में जिन लोगों का नाम आया है सभी संबंधित लोगों से पूछताछ की। निगरानी की टीम के आने के बाद सरकारी कार्यालयों में हड़कंप मचा रहा।
यह है मामला
बता दें कि 08 अगस्त 2019 को निगरानी अन्वेषण पटना की टीम ने एक मामले में 25 हजार रुपये रिश्वत लेते अनुमंडल नाजिर सह पेशकार विनय कुमार को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। मामले में चिरैया थाना के माधोपुर गांव निवासी सिद्दिकी अहमद ने निगरानी में रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद टीम ने कार्रवाई करते हुए नाजिर को गिरफ्तार किया था।
सिद्दिकी ने कहा था कि अनुमंडल कोर्ट में चल रहे 669 एम/ 2019 वाद के निष्पादन के लिए 30 हजार रुपये की मांग की गई थी। नाजिर से सौदा तय होने के बाद कार्यालय के सहायक शहाबुद्दीन को पैसा देना था। राशि देने के वक्त शहाबुद्दीन नहीं था। नाजिर ने स्वयं तय राशि में से 25 हजार रुपये जैसे ही थामे निगरानी ने दबोच लिया था। निगरानी की टीम उस दिन एसडीओ एवं सहायक कर्मी शहाबुदीन की खोज करती रही।
अधिकारियों ने जाना मेरा पक्ष : एसडीओ
मामले में एसडीओ ज्ञान प्रकाश ने बताया कि निगरानी की टीम ने कार्यालय आकर पूछताछ की है। चिरैया थाना के माधोपुर निवासी सिद्दिकी द्वारा रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगाया गया था। इस सिलसिले में अधिकारियों ने मेरा भी पक्ष लिया है। मेरे द्वारा यह कहा गया था कि वाद की सुनवाई कर ली गई है। दो तीन दिनों में आदेश की कॉपी कोर्ट से ले लेंगे। जांच टीम के द्वारा जिन जिन अभिलेख व संचिकाओं की मांग की गई, सभी को दिखाया गया है।
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