Monday, August 26, 2019

लानत है ऐसी पत्रकारिता पर......


लानत है ऐसी पत्रकारिता पर
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विकृत मानसिकता और सड़ी हुई सोच वाले कतिपय डिजायनर पत्रकारों को सरकार,पार्टी,आईडोलॉजी या देश विरोध में कोई फर्क ही नज़र नहीं आता है। ये देशविरोधी शक्तियों के हाथ का खिलौना और कतिपय राजनीतिक पार्टियों का मोहरा बने हुए हैं। शतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर घुसा तूफान रोकने और टिटहरी की तरह टर्टरा कर आकाश में सुराख करने की जिद पाले ये लोग निजी स्वार्थ,दलाली पर आघात से चोटिल हैं।
राष्ट्रविरोधी छवि के सहारे विदेशी पुरस्कार और फंड पाने की मंशा रखने वाले इन देशद्रोहियों को अब एक्सपोज़ करने की जरूरत है। वैसे ये एक्सपोज हो भी रहे हैं। लोकसभा चुनाव-2019 के दौरान अपना सबकुछ आजमा कर मुंह की खा चुके हैं। अवार्ड वापसी गैंग,टुकड़ा-टुकड़ा गिरोह की रहनुमाई और "भारत तेरे टुकड़े होंगे,कश्मीर मांगे आज़ादी " के नारे लगा कर थक चुके ये लोग अब अपनी आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं।पाकपरस्ती के जरिये भारत के विरोध को "असहमति का स्वर" बताने वालों की हकीकत पहचानने की जरूरत है।
ये पत्रकारिता को जननोमुखी नहीं,देश में अस्थिरता पैदा करने,भारतविरोधी शक्तियों को स्पेश देने, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में देश को विखंडित करने का औजार बनाये हुए हैं।

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