छद्म धर्मनिर्पेक्षतावादियों की असली चिंता
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देश के कुछ बुद्धिजीवी और विचारक भारत मे पाकिस्तान और चीन का हौव्वा खड़ा कर डर का माहौल बनाना चाहते हैं। ऐसा कर वे पाकिस्तानी मंसूबो को पूरा करने में अपना योगदान दर्शा कर प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष बनने का ढोंग कर रहे हैं। सदियों से इनकी कई पीढियां इस देश की मिट्टी में महफूज़ रह कर दफन हो गई,मगर अब इस देश में इनका दम घूंट रहा है। ये कश्मीर के वर्तमान हालात को लेकर चिंतित नहीं है,इनकी असली चिंता तो यह है कि अभी तक कश्मीर शांत क्यों है? वहां या देश के किसी भी अन्य हिस्से में अब तक कोई बड़ी आतंकी घटना क्यों न घटी?
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देश के कुछ बुद्धिजीवी और विचारक भारत मे पाकिस्तान और चीन का हौव्वा खड़ा कर डर का माहौल बनाना चाहते हैं। ऐसा कर वे पाकिस्तानी मंसूबो को पूरा करने में अपना योगदान दर्शा कर प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष बनने का ढोंग कर रहे हैं। सदियों से इनकी कई पीढियां इस देश की मिट्टी में महफूज़ रह कर दफन हो गई,मगर अब इस देश में इनका दम घूंट रहा है। ये कश्मीर के वर्तमान हालात को लेकर चिंतित नहीं है,इनकी असली चिंता तो यह है कि अभी तक कश्मीर शांत क्यों है? वहां या देश के किसी भी अन्य हिस्से में अब तक कोई बड़ी आतंकी घटना क्यों न घटी?
किसी दल विशेष, सरकार की नीतियां,कार्य कलाप आदि से सहमति-असहमति हो सकती है। तर्क संगत विरोध से भला किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? मगर इनका मकसद देश का विरोध कर अपने सीमापार आका के एजेंडा और प्रोपगैंडा को बल देना व देश को बदनाम करना है। पाकिस्तानी राजनयिक अब्दुल बासित ने इस पूरे गिरोह में से अभी केवल एक मैडम शोभा डे का राजफाश किया है जो अभियानी लेखन कर रही थी। टेरर फंड से हिस्सा लेकर देश की विद्रूप छवि पेश करने वाले अनेक महान प्रगतिशील धर्मनिरपेक्षतावादी अभी पर्दानशीं हैं।
अनुच्छेद 370 और 35 ए के खात्मे से पाकिस्तान तो विश्वमंच से कश्मीर मुद्दे की समाप्ति से अलगाववादियों,पत्थरबाजों के मेंटर कथित स्वयम्भू बुद्धिजीवी और "कश्मीर मांगे आज़ादी", भारत तेरे टुकड़े होंगे,इंशाअल्लाह...इंशाअल्लाह के नारे लगाने व भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी जारी की कामना करने वालों को भारी आघात लगा है। टेरर फंडिंग पर नकेल कसे जाने व पिछले दिनों हुई सख्त कारगर कार्रवाई से भी बुद्धिजीवियों के इस खास गिरोह में तिलमिलाहट व बेचैनी हैं।
अगर इस तरह की सोच प्रगतिशीलता,विद्वता व बुद्धिजीविता हैं तो मैं ऐसे तमाम लोगों को धिक्कारता हूं और आप?
(26-08-2019)
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