उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन किया था। इस पर सोमवार को सफाई देते हुए मायावती ने ट्वीट किया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर देश में समानता के पक्षधर थे। वे अनुच्छेद 370 के पक्ष में बिल्कुल नहीं थे। यही कारण है कि हमने संसद में इसको खत्म करने का समर्थन किया। मायावती ने राहुल गांधी का बिना नाम लिए कहा कि विपक्षी नेताओं को बगैर अनुमति के कश्मीर नहीं जाना था।
मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता और अखंडता के पक्षधर रहे हैं, इसलिए वे जम्मू-कश्मीर राज्य में अलग से धारा 370 का प्रावधान करने के कतई भी पक्ष में नहीं थे। इसी खास वजह से बसपा ने संसद में इस धारा को हटाए जाने का समर्थन किया।’’
कश्मीर में हालात सामान्य होने में समय लगेगा
उन्होंने लिखा, ‘‘देश में संविधान लागू होने के लगभग 69 साल बाद धारा 370 की समाप्ति के बाद वहां हालात सामान्य होने में थोड़ा समय लगेगा। इसका थोड़ा इंतजार किया जाए, तो बेहतर है, जिसको माननीय कोर्ट ने भी माना है।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘देश में संविधान लागू होने के लगभग 69 साल बाद धारा 370 की समाप्ति के बाद वहां हालात सामान्य होने में थोड़ा समय लगेगा। इसका थोड़ा इंतजार किया जाए, तो बेहतर है, जिसको माननीय कोर्ट ने भी माना है।’’
नेताओं ने कश्मीर जाकर केंद्र को राजनीति करने का मौका दिया
बसपा सुप्रीमो ने एक अन्य ट्वीट किया, ‘‘ऐसे में अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस और अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केंद्र और वहां के गवर्नर को राजनीति करने का मौका देने जैसा इनका यह कदम नहीं है? वहां पर जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार कर लिया जाता, तो यह उचित होता।’’
बसपा सुप्रीमो ने एक अन्य ट्वीट किया, ‘‘ऐसे में अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस और अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केंद्र और वहां के गवर्नर को राजनीति करने का मौका देने जैसा इनका यह कदम नहीं है? वहां पर जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार कर लिया जाता, तो यह उचित होता।’’
राहुल को श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेजा गया था
राहुल शनिवार को आठ दलों के 11 विपक्षी नेताओं के साथ श्रीनगर पहुंचे थे। राहुल जम्मू-कश्मीर में हालात जानने और वहां के नागरिकों से बात करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान हंगामे की स्थिति बन गई और सभी नेताओं को दिल्ली वापस भेज दिया गया। प्रशासन की ओर से कहा गया कि नेता राज्य का दौरा करने न आएं। उनके आने से शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिशों में खलल पड़ सकता है।
राहुल शनिवार को आठ दलों के 11 विपक्षी नेताओं के साथ श्रीनगर पहुंचे थे। राहुल जम्मू-कश्मीर में हालात जानने और वहां के नागरिकों से बात करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान हंगामे की स्थिति बन गई और सभी नेताओं को दिल्ली वापस भेज दिया गया। प्रशासन की ओर से कहा गया कि नेता राज्य का दौरा करने न आएं। उनके आने से शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिशों में खलल पड़ सकता है।
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