मनमोहन सिंह ने लोकपाल बिल पर विचार विमर्श के लिए पीएम आवास पर सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को बैठक की। लेकिन इस बार भी लोकपाल पर कोई आम राय नहीं बन सकी। लोकायुक्त के मसले पर ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस के तेवर बरकरार हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘हमने लोकपाल बिल के मौजूदा प्रावधान के तहत लोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया का विरोध किया है क्योंकि इससे देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचेगा।’ मजबूत लोकपाल की आस लगाए अन्ना और उनके साथियों का इंतजार शायद ही कभी खत्म हो सकेगा। सरकार का कहना है कि बिना आम राय के लोकपाल बिल पारित नहीं कराया जाएगा और राजनीतिक दल अपना-अपना राग आलाप रहे हैं। शुक्रवार को इस मसले पर प्रधानमंत्री की अगुआई में हुई सर्वदलीय बैठक में भी यही दिखा। उधर, मनमोहन को बार-बार झुकाने वाली ममता बनर्जी ने लोकपाल के मसले पर भी अपना विरोध दर्ज करा दिया है। ऐसे में अन्ना एक बार फिर 25 मार्च को अनशन करने के लिए तैयार हैं। बैठक में कई सांसदों ने लोकपाल बिल में लोकायुक्त की नियुक्ति, सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाए जाने और लोकपाल समिति के सदस्यों की नियुक्ति और उन्हें हटाए जाने को लेकर स्थिति साफ किए जाने की सरकार से मांग की। राजद के राम कृपाल यादव और लोजपा के रामविलास पासवान ने कहा कि लोकपाल के गठन की जरूरत ही नहीं है। सीपीएम ने कॉरपोरेट और सरकार से जुड़े एनजीओ को लोकपाल के दायरे में रखे जाने की अपनी मांग दुहराई। लेफ्ट पार्टियों ने हर राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति किए जाने की भी मांग की। इसी तरह बीजेपी, डीएमके, एआईडीएमके, टीडीपी, अकाली दल, नेशनल कांफ्रेंस, जेडी(यू), सपा और बसपा ने भी लोकपाल बिल के तहत लोकायुक्तों की नियुक्ति के प्रावधान को हटाए जाने की मांग की।
हालांकि, प्रधानमंत्री ने एक बार फिर दोहराया है कि सरकार मजबूत लोकपाल कानून को बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएमओ में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि लोकपाल आम सहमति से ही बनेगा। वहीं, अन्ना ने सरकारी लोकपाल को ‘अपर्याप्त’ बताया है और कहा है कि मजबूत लोकपाल के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी। सरकार पहले भी इस मुद्दे पर दो बार सर्वदलीय बैठक बुला चुकी है, लेकिन दोनों बार नतीजा सिफर रहा था। इन बैठकों के बाद भी सरकार राज्यसभा में इस बिल को पास नहीं करवा पाई। खासतौर पर सीबीआई की स्वायत्तता, लोकपाल को हटाने का प्रावधान, राज्य में लोकायुक्तों की नियुक्ति को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई।
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