Friday, March 23, 2012

पैरामिलिट्री फोर्स में‘अच्‍छी तरह विकसित छाती’ की शर्मनाक शर्त

 देश के पैरामिलिट्री फोर्स में भर्ती के लिए आवेदन में महिला उम्‍मीदवारों की शारीरिक योग्‍यता को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। बीएसफ में ग्रुप सी पैरामेडिकल स्‍टाफ के लिए आवेदन करने वाली महिला उम्‍मीदवारों की योग्‍यता के लिए उनके ‘अच्‍छी तरह विकसित छाती’ होने की शर्त रखी गई है।गृह मंत्रालय की ओर जारी विज्ञापन में इस तरह की भाषा का इस्‍तेमाल किए जाने को गंभीरता से लेते हुए संसदीय पैनल ने बेहद निराशा जताई है। पैनल ने कहा है कि महिला उम्‍मीदवारों के लिए इस तरह की बेतुकी भाषा का इस्‍तेमाल किया जाना ‘गैरजरूरी’ है। इसके बाद विज्ञापन की भाषा बदल दी गई।संसदीय पैनल के मुखिया पी करुणाकरन के मुताबिक, बीएसएफ द्वारा जारी विज्ञापन की भाषा 'अपमानजनक' है। संसदीय समिति ने इसकी घोर निंदा करते हुए मंत्रालय को तुरंत निर्देश जारी किया कि वह इस सूचना को हटा ले। लोकसभा में पेश रिपोर्ट में पैनल के मुताबिक, 'मंत्रालय ने पैनल की ओर से जारी निर्देश के जवाब में लिखा है कि इस मसले पर बीएसएफ के साथ विचार-विमर्श करने के बाद उस वाक्य को हटाने का निर्णय लिया गया। अब महिला उम्‍मीदवारों के लिए 'चेस्‍ट' से जुड़ी कोई न्‍यूनतम योग्‍यता नहीं होगी। साथ ही पूरी भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा की बात कही गई है। समीक्षा में उस वाक्य की जगह पर 'लागू नहीं' शब्द का प्रयोग किए जाने की बात कही गई है। समिति ने इस बाबत सभी पैरामिलिट्री फोर्सेज में भर्ती के नियमों में जल्द से जल्द आवश्यक संशोधन किए जाने की सिफारिश की है ताकि भविष्‍य में महिलाओं के लिए ऐसी अपमानजनक भाषा का इस्‍तेमाल न हो।

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