Tuesday, March 20, 2012

आंकड़ों की कलाबाजी: 22.42 रुपए से अधिक खर्च करने वाला गरीब नहीं

योजना आयोग ने गरीबों के प्रतिशत और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर एक राज्यवार सूची जारी की है। अगर इसके राष्ट्रीय औसत को लिया जाए तो ग्रामीण इलाकों में 672.8 रुपए मासिक और शहरी इलाकों में 859.6 रुपये मासिक से कम आय वाला व्यक्ति गरीब है। ये प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े हैं। एक परिवार में औसतन पांच व्यक्ति माने गए हैं। इस आधार शहरों में 28.65 रुपए और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना 22.42 रुपए से अधिक खर्च करने वाला गरीब नहीं है।
गौरतलब है कि योजना आयोग ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को दिए एक हलफनामे में कहा था, 'जून 2011 के मूल्य स्तर के लिहाज से शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा को अनंतिम तौर पर 32 रुपए प्रतिदिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रुपए प्रतिदिन रखा जा सकता है।' योजना आयोग ने सोमवार को दावा किया कि पिछले पांच साल में देश की कुल आबादी में से 7.3 फीसदी गरीबों की गरीबी दूर हो गई है। 2004-05 में जहां देश में 40.72 करोड़ गरीब थे, वहीं 2009-10 में गरीबों की संख्या घटकर 34.47 करोड़ रह गई। यानी देश में कोई 6 करोड़ 30 लाख गरीबों की गरीबी दूर हो गई है।   2009-10 गरीबी आकलन से संबंधित योजना आयोग के आंकड़े कहते हैं कि गांवों में गरीबी, शहरों में गरीबी के मुकाबले ज्यादा तेजी से घटी है। ग्रामीण इलाकों में गरीबी 41.8 प्रतिशत से घटकर 33.85 प्रतिशत (८ प्रतिशत की कमी) रह गई है, जबकि शहरी इलाकों में गरीबों की संख्या 25.7 प्रतिशत से कम होकर 20.9 प्रतिशत (4.8 प्रतिशत की कमी) रह गई है। कुल मिलाकर देश में 2004-05 में आबादी का 37.2 प्रतिशत गरीब थे। 2009-10 में इनकी संख्या 29.8 फीसदी ही रह गई।  
ज्यादा गरीबी बिहार में   गरीबी प्रतिशत के मामले में बिहार (53.3 प्रतिशत) सबसे आगे। उसके बाद छत्तीसगढ़ (48.7 प्रतिशत), मणिपुर (47.1 प्रतिशत), झारखंड (39.1 प्रतिशत), असम (37.9 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश (37.7 प्रतिशत)।
खेतिहर मजदूर ज्यादा गरीब 
खेतिहर श्रमिक सबसे ज्यादा ज्यादा गरीब। 50 प्रतिशत खेतिहर श्रमिक और 40 प्रतिशत अन्य श्रमिक गरीब शहरी इलाकों में सबसे अधिक 47.1 प्रतिशत अस्थायी श्रमिक गरीब। कृषि प्रधान संपन्न हरियाणा में 55.9 खेतिहर श्रमिक गरीब जबकि पंजाब में 35.6 प्रतिशत खेतिहर किसान गरीब।
यहां घटे सबसे ज्यादा गरीब 
10 फीसदी से ज्यादा की कमी वाले राज्य: हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तराखंड। 
पूर्वोत्तर में गरीबी बढ़ी: असम, मेघालय, मणिपुर,मिजोरम और नगालैंड में गरीबों की संख्या बढ़ी है। 
बड़े राज्यों में गिरावट दर कम: बड़े राज्यों में गरीबों की संख्या में अपेक्षाकृत कम गिरावट है। बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में गरीबी के प्रतिशत में मामूली गिरावट है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। 
ग्रामीण इलाकों में सबसे कम गरीबी सिखों में, शहरी इलाकों में ईसाइयों में। 
मुसलमानों की दशा 
ग्रामीण इलाकों में मुसलमान सबसे ज्यादा गरीब। असम (53.6 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (44.4 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (34.4 प्रतिशत) और गुजरात (31.4 प्रतिशत)। शहरी इलाकों में रहने वाले सबसे अधिक 33.9 प्रतिशत मुसलमान गरीब।

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