अना हजारे को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है ... पुलिस उनको पुलिस लाइन ले गयी जहाँ से उनको तड़ीपार करने की तैयारी है ... क्या अना का अनशन केंद्र ने कुचल दिया है ? केंद्र सरकार ने अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारी है। विनाश काले विपरीत बुद्धि। कांग्रेस ने एक बार फिर राजनीतिक अपरिपक्वता का परिचय दिया है।
आज पहली बार अन्ना के साथ पूरी तरह खड़े होने का मन किया...समर्थन पहले भी था, लेकिन कई बातों पर असहमति भी थी, लेकिन आज अन्ना ने जो स्टैंड लिया उसने एक नयी उम्मीद जगाई है। हम लड़ाकू लोग कबसे कहते आए हैं कि सवाल सिर्फ लोकपाल का नहीं है, सवाल व्यवस्था परिवर्तन का है, ये जो नीतियां भ्रष्टाचार और कॉरपोरेट लूट को बढ़ा रही हैं, ये जो नीतियां अन्याय, शोषण और लूट पर आधारित हैं, और सिर्फ उद्योगपतियों, बाज़ार और प्रभु वर्ग का हित साध रही हैं, उन नीतियों को बदलना ज़रूरी है, इस व्यवस्था का बदलना ज़रूरी है।
this is too much......
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