सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बुधवार देर रात को रामलीला मैदान पर 15 दिन के लिए आमरण अनशन को दिल्ली पुलिस द्वारा दी गई पेशकश को स्वीकार कर लिया है। अन्ना का यह अनशन गुरुवार दिन में तीन बजे से आरंभ हो जाएगा। इसके पहले टीम अन्ना और दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीके गुप्ता के बीच एक बैठक में सहमति बनी। इसकी आधिकारिक घोषणा अन्ना हजारे की सहमति के बाद किरण बेदी ने की। पुलिस ने यह भी कहा कि यदि जरूरी हुआ तो अनशन की समय सीमा बढ़ाई जा सकती है।
अन्ना हजारे के निकट सहयोगी अरविंद केजरीवाल, किरन बेदी, मनीष सिसोदिया और प्रशांत भूषण ने बुधवार देर रात दिल्ली पुलिस आयुक्त बी गुप्ता से मुलाकात की। मजबूत लोकपाल के लिए गांधीवादी नेता के अनशन की अवधि को लेकर उत्पन्न मतभेद को दूर करने के लिए यह एक नई पहल थी। यह बैठक गुप्ता के चाण्यक्यपूरी के सत्यमार्ग स्थित आवास पर मध्यरात्रि के बाद हुई। पुलिस आयुक्त से बातचीत के बाद चारों इस बारे में हजारे को बताने के लिए तिहाड़ जेल गए। किरन बेदी ने कहा कि हमने पुलिस आयुक्त से मुलाकात की ताकि अनशन की अवधि को लेकर मामला सुलझ सके।
सरकार के खिलाफ अपना आंदोलन और तेज करते हुए तिहाड़ जेल से बाहर आने से इंकार कर दिया। हालांकि दिल्ली पुलिस ने मजबूत लोकपाल के समर्थन में हजारे के अनशन पर लगाई गई कई शर्तें वापस ले लीं।
73 वर्षीय गांधीवादी नेता ने मंगलवार की रात जेल में गुजारने के बाद बुधवार का दिन भी जेल परिसर में गुजारा। इस दौरान हजारे के साथियों और पुलिस के बीच बातचीत का सिलसिला चलता रहा। देर शाम पुलिस ने उन्हें रामलीला मैदान में 21 दिन तक विरोध प्रदर्शन जारी रखने की ताजा पेशकश की। नए आयोजन स्थल पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई। हालांकि हजारे ने दूसरे दिन भी अपना अनशन जारी रखा और अपने निकट सहयोगियों किरण बेदी, प्रशांत भूषण और मनीष सिसोदिया के साथ आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया। बेदी ने बैठक के बाद बताया कि विचार विमर्श जारी है और हजारे फिलहाल तिहाड़ से बाहर नहीं आएंगे। दिल्ली पुलिस ने हजारे की टीम के साथ शुरूआती बातचीत में उन्हें सात दिन के विरोध प्रदर्शन की इजाजत दी थी और साथ ही यह भी कहा था कि उसके बाद हालात की समीक्षा के बाद इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है। हजारे का कहना था कि उन्हें 30 दिन के विरोध की इजाजत दी जाए, जबकि पुलिस फिलहाल 7 दिन की इजाजत देने के हक में था।
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