लगातार बढ़ते अन्ना के समर्थन के बाद सरकार अब लोकपाल पर अपने रुख में नरमी के लिए मजबूर हो गई है। अन्ना को मनाने के लिए लगे मध्यस्थों की कोशिश के बाद अब समझौते की राह बनती भी दिख रही है।
सिविल सोसाइटी से गतिरोध का समाधान निकालने के लिए तीन स्तरीय रणनीति पर काम कर रही सरकार की पहली कोशिश टीम अन्ना के तेवर नरम कराने में सफल रही है। रोज की तरह अपने अनशन के सातवें दिन शाम को न तो अन्ना और न ही उनकी टीम के किसी सदस्य ने मुंह खोला। टीम अन्ना और सरकार दोनों ही तरफ से संकेत दिए गए कि अगले दो दिनों के भीतर गतिरोध टूट सकता है। प्रधानमंत्री के घर पर चल रही कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक के बाद इस दिशा में कुछ औपचारिक एलान भी हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार की तरफ से नरमी दिखाने के बाद टीम अन्ना ने भी अन्ना और मनमोहन सिंह के बीच सेतु का काम कर रहे आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की बात रखी। अन्ना हजारे ने शर्त रखी थी कि वह मध्यस्थता सिर्फ प्रधानमंत्री या राहुल गांधी के स्तर पर ही स्वीकार करेंगे। हजारे की इस शर्त का सरकार ने न सिर्फ मान रखा, बल्कि केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी अन्ना की हां में हां मिलाई। सोमवार को उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में प्रधानमंत्री या राहुल गांधी के स्तर से वार्ता ही एकमात्र रास्ता है।
अन्ना को मिल रहे अपार जन समर्थन से वार्ता को बेचैन हुई सरकार ने दो दिन पहले ही बातचीत के सारे विकल्प खंगालने शुरू कर दिए थे। वहीं टीम अन्ना भी यह संकेत नहीं देना चाहती है कि वह अपनी जिद पर अड़ी है। अलबत्ता उच्च स्तर से ही बातचीत करने की अन्ना की शर्त के मद्देनजर सरकार ने दो दिन से वार्ता में जुटे भैयूजी महाराज और महाराष्ट्र के अधिकारी उमेशचंद्र सारंगी की बजाय श्री श्री को ही बातचीत के लिए 'अधिकृत' किया। टीम अन्ना हालांकि किसी भी स्तर पर चल रही वार्ता से इंकार कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार की त्रिस्तरीय रणनीति के तहत जनलोकपाल के कई प्रावधानों को सरकार सरकारी विधेयक में समाहित कर रही है। निचले स्तर तक भ्रष्टाचार से निपटने की टीम अन्ना की प्राथमिकता का जवाब देने के लिए जयराम रमेश ने जनसेवा विधेयक भी एक हफ्ते के भीतर पारित करने का एलान कर दिया। इसके साथ ही सरकार ने इस दफा विपक्ष को भी पूरी प्रक्रिया से जोड़ने की कोशिश शुरू कर दी है। इस कड़ी में श्री श्री रविशंकर ने राजग अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी से भी मुलाकात कर प्रधानमंत्री और अन्ना का संदेश उन्हें दिया। सोमवार की शाम प्रधानमंत्री ने प्रणब मुखर्जी, राहुल गांधी, अहमद पटेल, पी चिदंबरम व एके एंटनी के साथ बैठक कर वर्तमान गतिरोध से बाहर निकलने के रास्तों पर चर्चा की
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